स्पेक्ट्रम नीलामी कराने वाली किसी एजेंसी को अनुबंधित करने की तैयारी में सरकार, सार्वजनिक नोटिस जारी

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[email protected] । Aug 26 2019 5:14PM

बोली लगाने वाली कंपनी की भारत में किसी दूरसंचार सेवाप्रदाता में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष इक्विटी नहीं होनी चाहिए। साथ ही उस कंपनी को भारतीय और विदेशी बाजार में अपनी हिस्सेदारी का भी खुलासा करना होगा। चुनी गई एजेंसी को ई-नीलामी की पूरी प्रक्रिया के डिजाइन, ढांचे और क्रियान्वयन का काम करने के साथ बोली प्रक्रिया के नियम बनाने के बारे में भी सलाह देनी होगी। एजेंसी नीलामी के लिए बोली दस्तावेज तैयार करने में भी मदद करेगी।

नयी दिल्ली। सरकार 5जी सहित विभिन्न बैंडों में स्पेक्ट्रम नीलामी कराने वाली किसी एजेंसी को अनुबंधित करने की तैयारी में है और ऐसी एजेंसियों से निवदाएं आमंत्रित करने के लिए सोमवार को सार्वजनिक नोटिस जारी किए है।सरकार 8,000 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की योजना बना रही है। दूरसंचार विभाग ने ‘प्रस्ताव के लिए अनुरोध’(आरएफपी) जमा कराने की अंतिम तारीख 25 सितंबर रखी है।  नोटिस में कहा गया है कि 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज 3300-3600 मेगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम कीनीलामी के दिशानिर्देशों की अलग-अलग जल्द की जाएगी। नोटिस में बताया गया है कि विभिन्न बैंडों कुल 8,093 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए उपलब्ध है। 

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एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दूरसंचार विभाग ने विभिन्न बैंडों में स्पेक्ट्रम की ई-नीलामी के लिए एजेंसी के चयन के लिए अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) का नोटिस जारी किया है। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस साल जून में कहा था कि सरकार चालू कैलेंडर वर्ष में 5जी और अन्य बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी आयोजित करेगी। नोटिस में कहा गया है कि बोली का आकलन तीन हिस्सों...पात्रता से पहले, तकनीकी और वित्तीय आधार पर किया जाएगा। चुनी गई एजेंसी का सामान्य कार्यकाल तीन साल के लिए होगी। आपसी सहमति से इसे एक साल बढ़ाने का भी प्रावधान होगा। 

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बोली लगाने वाली कंपनी की भारत में किसी दूरसंचार सेवाप्रदाता में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष इक्विटी नहीं होनी चाहिए। साथ ही उस कंपनी को भारतीय और विदेशी बाजार में अपनी हिस्सेदारी का भी खुलासा करना होगा।  चुनी गई एजेंसी को ई-नीलामी की पूरी प्रक्रिया के डिजाइन, ढांचे और क्रियान्वयन का काम करने के साथ बोली प्रक्रिया के नियम बनाने के बारे में भी सलाह देनी होगी।  एजेंसी नीलामी के लिए बोली दस्तावेज तैयार करने में भी मदद करेगी। साथ ही पूरी प्रक्रिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने को रक्षोपाय भी सुझाएगी। संभावित बोली लगाने वाली कंपनियों के लिए बोली पूर्व सम्मेलन दो सितंबर को आयोजित किया जाएगा। आखिरी बार स्पेक्ट्रम की नीलामी अक्टूबर, 2016 में आयोजित की गई थी। उस समय बिक्री में रखे गए कुल स्पेक्ट्रम का सिर्फ 40 प्रतिशत ही बिक पाया था। उस समय नीलामी में सरकार ने 965 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बेचकर 65,789 करोड़ रुपय जुटाए थे। 

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