सरकार को NEET-JEE परीक्षाओं को लेकर छात्रों की चिताओं पर विचार करना चाहिए: राहुल गांधी

NEET-JEE

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “भारत सरकार को नीट, जेईई परीक्षा के बारे में छात्रों के मन की बात को सुनना चाहिए और स्वीकार्य समाधान पर पहुंचना चाहिए।’’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘कोरोना को लेकर देश में परिस्थितियां अभी सामान्य नहीं हुईं हैं।

नयी दिल्ली। राहुल गांधी समेत कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने रविवार को सरकार से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) को लेकर छात्रों की चिंताओं पर विचार करने और स्वीकार्य समाधान निकालने का आग्रह किया। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई छात्रों और अभिभावकों ने प्रवेश परीक्षा स्थगित करने की मांग की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “भारत सरकार को नीट, जेईई परीक्षा के बारे में छात्रों के मन की बात को सुनना चाहिए और स्वीकार्य समाधान पर पहुंचना चाहिए।’’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘कोरोना को लेकर देश में परिस्थितियां अभी सामान्य नहीं हुईं हैं। ऐसे में अगर नीट और जेईई परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों ने कुछ चिंताएं जाहिर की हैं तो भारत सरकार व टेस्ट कराने वाली संस्थाओं को उस पर सही से सोच विचार करना चाहिए।’’ लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर परीक्षा टालने का सुझाव दिया।

इसे भी पढ़ें: दाऊद इब्राहिम की कराची में मौजूदगी पर पाकिस्तान ने फिर पलटा अपना बयान, कहा- 'यहां नहीं है'

पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी कहा कि परीक्षा को टालने की जरूरत है। चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप करने और परीक्षाओं को टालने का अनुरोध किया है। चौधरी ने अपने पत्र में कहा, ‘‘परीक्षार्थी काफी मानसिक दबाव में हैं कि परीक्षा में हिस्सा लेते हुए वे संक्रमण से कैसे महफूज रह पाएंगे। महामारी की ऐसी स्थिति के समय उनकी चिंताओं पर गौर किए जाने की जरूरत है। ’’ चौधरी ने कहा कि देश में जब कोरोना के रोज 70,000 मामले आ रहे हैं ‘‘मेरा मानना है कि परीक्षा की तारीख की समीक्षा करने की जरूरत है क्योंकि परीक्षा में करीब 25 लाख छात्रों के हिस्सा लेने की संभावना है। ’’ पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘ ‘इस नाइंसाफी को रोकिए। नीट-जेईई प्रवेश परीक्षाओं के संबंध में सामंती सोच हावी है। गरीबों से भेदभाव हो रहा है।

इसे भी पढ़ें: गांधी परिवार नेतृत्व को चुनौती देने वालों का पंजाब के CM अमरिंदर ने किया विरोध

डिजिटल आधार पर अंतर बढ गया है। परीक्षा केंद्र पर पहुंचना जोखिम भरा है। संपर्क भी सुलभ नहीं है तथा अन्य दिक्कतें हैं। उचित और वाजिब समाधान यही है कि नीट, जेईई की परीक्षा को टाल दें।’’ गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने छात्रों का कीमती वर्ष बर्बाद ना होने का हवाला देते हुए सोमवार को जेईई (मेन) और नीट परीक्षा स्थगित करने का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। इसका आयोजन सितंबर माह में निर्धारित है। जेईई (मुख्य) एक सितंबर से छह सितंबर के बीच आयोजित किया जाना है जबकि जेईई(एडवांस्ड) 27 सितंबर को आयोजित किया जाएगा। वहीं, नीट का आयोजन 13 सितंबर को होगा। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा था कि जेईई (मुख्य) और नीट-यूजी की परीक्षाएं सितंबर में निर्धारित समय पर आयोजित की जाएंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़