सरकार को अपने मंत्रियों व विपक्ष के नेताओं पर ही विश्वास नहीं, किया स्पाइवेयर का इस्तेमाल: कांग्रेस

कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून का बहुत दुरूपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसंबर में सेना ने नगालैंड में 14 आम नागरिकों की जान ले ली।
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उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी सरकार ने 66 पीएसयू बनाएं लेकिन कोई निजीकरण नहीं किया, मोरारजी देसाई सरकार ने नौ पीएसयू, राजीव गांधी सरकार ने 16 पीएसयू बनाएं वहीं वीपी सिंह सरकार ने दो पीयूसी बनाएं, पीवी नरसिंह राव सरकार ने 14 पीएसयू तथा एच डी देवगौड़ा सरकार और आई के गुजराल सरकारों के शासनकाल में तीन पीएसयू बनाए गये और किसी ने भी निजीकरण नहीं किया। बोरा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 17 पीएसयू बनाएं और सात का निजीकरण किया। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार ने 23 पीएसयू बनाएं और सिर्फ तीन का निजीकरण किया। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे विश्व गुरु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 सालों में एक भी पीएसयू का निर्माण नहीं किया और 23 का निजीकरण किया। .. यह है कि हमने 70 सालों में क्या किया और आपने 8 साल में क्या किया।’’ उन्होंने महिला सशक्तिकरण की चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार, 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के तीन लाख 80 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि 2020 में ऐसे अपराधों की संख्या तीन लाख 57 हजार रही। बोरा ने प्रश्न किया कि यदि हमारी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं तो महिला सशक्तिकरण का क्या अर्थ है? उन्होंने कहा कि ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ नारे का ऐसे में कोई मतलब नहीं रह जाता जब 2019 में 14 से 18 साल की 9,613 बच्चियों ने आत्महत्या की जिनकी संख्या 2021 में 11,396 हो गयी।
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कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून का बहुत दुरूपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसंबर में सेना ने नगालैंड में 14 आम नागरिकों की जान ले ली। उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर हमारी सेना का उपयोग विदेशी आक्रमण के विरूद्ध किया जाता है। किंतु हमारी सेना ने हमारे ही लोगों को मार दिया गया और कुछ भी नहीं किया गया।’’ बोरा ने कहा कि महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह बर्बाद हो गयी है। उन्होंने कहा कि लोगों को उम्मीद थी कि इस अभिभाषण में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोई रूपरेखा पेश की जाएगी किंतु ऐसी कोई घोषणा नहीं की गयी। उन्होंने दावा किया कि पिछले सात सालों में करीब पांच करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे चले गये हैं। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में बेरोजगारी, आसमान छूती महंगाई को रोकने के लिए कोई घोषणा नहीं की गयी। बोरा ने कहा ‘‘सरकार यह दावा कर रही है कि महामारी के दौरान देश में किसी व्यक्ति को भूखा सोने नहीं दिया गया किंतु यदि ऐसी स्थिति रहती तो वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत का स्थान गिरकर 101 पर कैसे आ गया? हमारा देश पाकिस्तान, नेपाल एवं बांग्लादेश से भी पिछड़ गया है। ’’ उन्होंने कहा कि असम में दो निजी पेपर मिल बंद हो गयीं। उन्होंने कहा कि राज्य में एक भी मेगा परियोजना शुरू नहीं की गयी।
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