गुजरात सरकार ने मनरेगा की तारीफ की, उसे महामारी के दौरान श्रमिकों के लिए जीवन रक्षक बताया

इसमें कहा गया है कि ये श्रमिक शहरों में जितना कमा रहे थे, उसके मुकाबले मनरेगा की दिहाड़ी काफी कम है, इसके बावजूद कोविड-19 से उत्पन्न संकट के दौरान यह उनके और उनके परिवार के पालन-पोषण में मददगार रही है।
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कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2006 में इसकी शुरुआत की थी। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘रोजगार गारंटी की मनरेगा योजना कोविड-19 महामारी के बाद घर लौटने को मजबूर हुए श्रमिकों के लिए जीवन रक्षक साबित हुई है।’’ इसमें कहा गया है कि ये श्रमिक शहरों में जितना कमा रहे थे, उसके मुकाबले मनरेगा की दिहाड़ी काफी कम है, इसके बावजूद कोविड-19 से उत्पन्न संकट के दौरान यह उनके और उनके परिवार के पालन-पोषण में मददगार रही है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी 224 रुपये प्रतिदिन है, जो पहले 198 रुपये प्रतिदिन हुआ करती थी।
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