सूरजकुंड शिल्प मेले में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने लगाया स्टॉल

Surajkund Crafts Mela

मेले में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा भी आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए एक स्टॉल लगाया है, जिसका थीम ‘बालिका’ है। यह स्टॉल 4 अप्रैल, 2022 तक चालू रहेगा। स्टॉल का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फरीदाबाद के पैनल एडवोकेट और पैरा लीगल वालंटियर्स द्वारा किया जा रहा है।

चंडीगढ़ ।  दर्शकों को भारतीय लोक परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत से रूबरू करवा रहे 35वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले ने लाखों की संख्या में आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित किया है, जिसमें हजारों की संख्या में विदेशी आगंतुक भी शामिल हैं। सूरजकुंड मेला दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला है, जो भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक ताने-बाने की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करता है।

 

मेले में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा भी आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए एक स्टॉल लगाया है, जिसका थीम ‘बालिका’ है। यह स्टॉल 4 अप्रैल, 2022 तक चालू रहेगा। स्टॉल का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फरीदाबाद के पैनल एडवोकेट और पैरा लीगल वालंटियर्स द्वारा किया जा रहा है। आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों को जानने में मदद करने के लिए इस स्टॉल पर पैनल वकीलों और पैरा लीगल वालंटियर्स की प्रतिनियुक्ति की जाती है। इस स्टॉल पर वहीं आवेदन फार्म भरवाकर कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है।

इसे भी पढ़ें: भारत उद्योग और निवेश के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है- गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री

प्राधिकरण द्वारा स्थापित यह स्टॉल लोगों में कानूनी सहायता की उपलब्धता के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक कानूनी मुद्दों पर जागरूकता भी उत्पन्न कर रहा है। स्टॉल के थीम ‘बालिका’ को बहुत ध्यानपूर्वक चुना गया है क्योंकि यह बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

इसे भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा की नागरिक उड्डयन नीतियों की हुई चर्चा - डिप्टी सीएम

इसके अतिरिक्त, प्राधिकरण द्वारा लड़कियों के अधिकारों के विषय पर एक पोस्टर डिजाइन और तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य लड़कियों के कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करना है, जिसमें मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, बाल-विवाह के खिलाफ अधिकार, परिवार के अपमानजनक सदस्यों के खिलाफ अधिकार, संपत्ति का अधिकार, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार, समान वेतन का अधिकार, थाने में न बुलाने का अधिकार, कन्या-भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार शामिल हैं। पोस्टर को द्विभाषी यानी हिंदी और अंग्रेजी दोनों में डिजाइन और मुद्रित किया गया है, क्योंकि यह सभी लोगों को पढ़ने और समझने में मदद करेगा। यह पोस्टर सभी वन स्टॉप केन्द्रों पर विशिष्ट सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाएगा।

इसे भी पढ़ें: उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन करने वाले पटवारियों को किया जाएगा सम्मानित

प्राधिकरण द्वारा  मेले में  एक कहानी के रूप में हिंदी में डिजाइन और मुद्रित एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) पर एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। यह पुस्तिका सभी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उद्देश्य आपराधिक कानून को गति प्रदान करना है। बुकलेट में प्राथमिकी दर्ज करने के सभी प्रावधानों और उद्देश्यों के बारे में बताया गया है और यह भी बताया गया है कि प्राथमिकी कैसे पुलिस थाने के प्रभारी पुलिस अधिकारी को अपराध की जांच शुरू करने और जल्द से जल्द सबूत एकत्र करने में सक्षम बनाती है। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक कानूनी मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूल और कॉलेज के बच्चों द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फरीदाबाद के समन्वय से मुख्य मंच के साथ-साथ इस प्राधिकरण द्वारा स्थापित स्टॉल पर नाटक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़