Hijab Controversy: हाईकोर्ट के आदेश के बाद विरोध शुरू, परीक्षा का बहिष्कार कर चली गईं छात्राएं
वहीं हाईकोर्ट के फैसले के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से असहमति जाहिर की है। इतना ही नहीं उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत बाकी संगठनों से इसके खिलाफ आवाज उठाने की अपील की।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि यह इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है और शैक्षिक संस्थान नियमों के अनुसार प्रतिबंध जारी रख सकते हैं। इस फैसले का विरोध दिखना शुरू हो गया है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुरपुरा तालुक केंबवी गवर्नमेंट पीयू कॉलेज की छात्राओं ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है। बता दें इन स्टूडेंट के एग्जाम की तैयारियों को लेकर एक परीक्षा थी। लेकिन जैसे ही उन्होंने हाईकोर्ट का फैसला सुना, उन्होंने विरोध जताने के लिए कक्षाओं का बहिष्कार करना शुरू कर दिया। इनकी परीक्षा का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक छात्राओं ने कहा है कि वे अपने माता-पिता के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगी और तभी फैसला लेंगी कि क्या उन्हें बिना हिजाब पहने कक्षाओं में आना चाहिए। क्लास का बॉयकॉट करने वाली छात्राओं का कहना था कि हम हिजाब पहनकर ही परीक्षा देंगे। अगर वह हमसे हिजाब हटाने के लिए कहते हैं, तो हम परीक्षा नहीं देंगे। कॉलेज के प्राचार्य डॉ शकुंतला ने कहा कि छात्राओं को कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए कहा गया था। उन्होंने इसका पालन करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि क्लास छोड़कर छात्राएं बाहर चली गईं। प्राचार्य के अनुसार 35 छात्राओं ने क्लास का बॉयकॉट कर दिया।
बोम्मई बोले- हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान
बता दें हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट के फैसले के तुरंत बाद कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा हम हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। छात्रों के लिए शिक्षा जरूरी है। सभी लोग हाईकोर्ट के आदेश का पालन करें। शांति बनाए रखें।
ओवैसी ने हाईकोर्ट के फैसले से जाहिर की असहमति
वहीं हाईकोर्ट के फैसले के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से असहमति जाहिर की है। इतना ही नहीं उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत बाकी संगठनों से इसके खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। AIMIM नेता और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, मैं कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हूं। फैसले से असहमत होना मेरा हक है। मुझे उम्मीद है कि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
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