विकास कैसे बदल रहा है जम्मू-कश्मीर की तस्वीर और तकदीर, पढ़ें खास रिपोर्ट

road
प्रतिरूप फोटो
ANI

देखा जाये तो घने जंगलों के बीच से 15 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का काम शुरू करवाना आसान बात नहीं थी क्योंकि यह इलाका काफी दुर्गम भी है। हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस सड़क का निर्माण 9.40 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को इस समय केंद्रीय और राज्य प्रशासन की योजनाओं का इतना लाभ मिल रहा है जितना 70 साल से ज्यादा समय तक नहीं मिला था। पूर्व के शासकों ने खासतौर पर जम्मू-कश्मीर के दूरदराज के गांवों को मुख्यधारा से दूर रखकर अपनी सत्ता चलाई थी लेकिन अब समय बदल चुका है। दूरदराज के गांवों में सड़कें बन रही हैं, घर के नल से जल आ रहा है, हर घर में बिजली पहुँची है और केंद्रीय योजनाओं के तहत मिलने वाली अन्य सुविधाओं का भी लाभ पहुँचा है। देखा जाये तो जम्मू-कश्मीर को प्रकृति ने सिर्फ खूबसूरती ही नहीं दी है बल्कि उसे कई और उपहारों से भी नवाजा है। यहां की कृषि पैदावार अपने आप में अनोखे स्वाद वाली है लेकिन अनुच्छेद 370 हटने से पहले तक किसानों और उत्पादकों को कोई प्रोत्साहन या सुविधा नहीं मिलती थी। लेकिन अब देखिये कैसे दूरदराज के गांवों के लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं और शीघ्र ही उनके उत्पाद लोकल से ग्लोबल बनेंगे।

जम्मू-कश्मीर में विकास के वैसे तो कई काम चल रहे हैं लेकिन आज हम बात करेंगे डोडा जिले के कान्सेर पंचायत क्षेत्र की। यह इलाका एक तरह से मुख्यधारा से कटा हुआ था। लेकिन अब नगर-लांचन से कान्सेर जाने वाली सड़क के निर्माण के साथ ही, कान्सेर पंचायत को हर मौसम में चालू रहने वाली सड़क मिलने जा रही है। इस इलाके की खासियत की बात करें तो समुद्र तल से 7,780 फुट की ऊंचाई पर स्थित कान्सेर गांव में मुख्य रूप से गद्दी और सिप्पी जनजातियां रहती हैं और इस क्षेत्र को राजमा, ऑर्गनिक सब्जियों और फल उगाने के लिए जाना जाता है। यहां रहने वाले ग्रामीण भेड़ पालन कर तथा राजमा, खुबानी और अखरोट उगाकर अपना जीवन यापन करते हैं। प्रकृति ने भले इस क्षेत्र को प्रसिद्ध राजमा और अन्य फसलों का उपहार दिया हो लेकिन यहां के लोग उसका असल लाभ नहीं उठा पा रहे थे क्योंकि उनके लिए अपनी उपज बेचने के लिए पैदल बाजार तक पहुंचना बहुत मुश्किल था। लेकिन अब जब सड़क बन गयी है तो सरपट वाहन दौड़ेंगे और स्थानीय उत्पाद कश्मीर की मंडियों तक और उसके बाद देश के अन्य हिस्सों के बाजारों में पहुँचेंगे।

इसे भी पढ़ें: अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे में बदलाव, अब चार और पांच अक्टूबर को करेंगे दौरा

देखा जाये तो घने जंगलों के बीच से 15 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का काम शुरू करवाना आसान बात नहीं थी क्योंकि यह इलाका काफी दुर्गम भी है। हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस सड़क का निर्माण 9.40 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है और मौसम अनुकूल रहा तो 10 अक्टूबर तक इस सड़क का निर्माण पूरा हो जाएगा। आप सोचिये कि अपने कृषि उत्पादों के लिए मशहूर इस स्थान के लोगों को सड़क संपर्क नहीं होने से कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता होगा। बहरहाल, अब जब सड़क बन गयी है तो यहां के लोगों का सपना सच होने वाला है।

-नीरज कुमार दुबे

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़