राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने रक्षा बंधन की बधाई दी

Jai Ram Thakur

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि यह पर्व भाई-बहन के बीच प्यार, स्नेह और परस्पर विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि रक्षा बन्धन का त्यौहार परिवार व समाज में आपसी भाई-चारे को सुदृढ़ करता है।

शिमला । राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेशवासियों को रक्षा बंधन के पावन अवसर पर बधाई दी है।

राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया है कि रक्षा बन्धन का त्यौहार जहां आपसी भाई-चारे को बढ़ाएगा, वहीं समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि यह पर्व भाई-बहन के बीच प्यार, स्नेह और परस्पर विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि रक्षा बन्धन का त्यौहार परिवार व समाज में आपसी भाई-चारे को सुदृढ़ करता है। प्रदेश व देश में शांति, सौहार्द व आपसी भाई-चारे को बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण त्यौहार है।

पंडित शशिपाल डोगरा ने बताया कि इस साल रक्षा बंधन का पर्व 22 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षा बंधन पर बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है और भाई के हाथ में रक्षा सूत्र बांधती है। इसलिए शुभ मुहूर्त देखकर ही राखी बांधनी चाहिए। राहुकाल भी ऐसे समय है जब राखी नहीं बांधनी चाहिए। इसके अलावा भद्रा में तो राखी बांधी ही नहीं जाती। इस बार भद्रा सुबह ही समाप्त हो जाएगी और दिनभर आराम से राखी बांधी जा सकेंगी। 

 

आधुनिक  युग  में  भाई-बहन  एक  दूसरे  की  पूर्ण  सुरक्षा  का  भी  ख्याल  रखें।  समाज में नारी  का सम्मान  हो। महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों में कमी आएगी। भाई-बहन को स्नेह, प्रेम, कर्तव्य एवं दायित्व में बांधने वाला राखी का पर्व जब भाई का मुंह मीठा कराके और कलाई पर धागा बांधकर मनाया जाता है, तो रिश्तों की खुशबू सदा के लिए बनी रहती है और संबंधों की डोर में मिठास का एहसास आजीवन परिलक्षित होता रहता है। 

 

डोगरा ने बताया कि रक्षा बंधन का पर्व हर वर्ष सावन मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है जो इस बार 22 अगस्त रविवार को पड़ रहा है। यह दिन सावन महीने का अंतिम दिन होगा और अगले दिन भादों का  महीना शुरु हो जाएगा। इस बार राखी का त्योहार कई कारणों से अद्वितीय रहेगा। भद्रा जैसा अशुभ काल जिसमें राखी नहीं  बांधी जाती, वह समय प्रातः: 6:15 मिनट पर समाप्त ही हो जाएगा। चंद्रमा, कुंभ राशि में होंगे। धनिष्ठा नक्षत्र एवं शोभन योग भाई व बहन दोनों के लिए यह  धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक तथा पारिवारिक रीतियां निभाने के लिए एक सुअवसर। ऐसे शुभ संयोगों में दोनों अर्थात भाई-बहनों के भाग्य में वृद्धि होती है। 

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