हिंदू पक्ष ने कहा- ASI 'शिवलिंग' की करे वैज्ञानिक जांच, मुस्लिम पक्ष ने बताया फव्वारा, ज्ञानवापी मामले में 7 अक्टूबर को आएगा फैसला
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि हिंदू पक्ष ने मांग की कि एएसआई 'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच करे।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से शिवलिंग जैसी आकृति की कार्बन डेटिंग की मांग की गई है। इसे लेकर 29 सितंबर यानि आज कोर्ट में सुनवाई हुई। अधिवक्ता विष्णु जैन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुस्लिम पक्ष ने भी कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा, उन्होंने कहा कि कार्बन डेटिंग नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह शिवलिंग नहीं एक फव्वारा है और इसका पता नहीं लगाया जा सकता है। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और इस मामले में 7 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा।
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ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि हिंदू पक्ष ने मांग की कि एएसआई 'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच करे। हमने अर्घा और उसके आसपास के क्षेत्र की कार्बन डेटिंग की भी मांग की है। इस बाबत वाराणसी के जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया। वादी संख्या एक राखी सिंह की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है। इस बाबत जिला जज की अदालत में मंगलवार को प्रार्थना पत्र दिया।
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वहीं इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को वाराणसी की अदालत के उस आदेश पर रोक 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 18 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया है। यह याचिका उस याचिका से अलग है जिसमें पांच हिंदू महिलाओं ने दावा किया है कि हिंदू देवता श्रृंगार गौरी की एक छवि मस्जिद में मौजूद है और उन्होंने वहां दैनिक प्रार्थना करने की अनुमति मांगी है। रस्तोगी ने अपनी याचिका में मांग की है कि जिस जमीन पर ज्ञानवापी मस्जिद बनी है, उसे हिंदू समुदाय को सौंप दिया जाए।
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