टीकाकरण के लिए कोविशील्ड के खेपों की आपूर्ति ऐतिहासिक पल : सीरम इंस्टीट्यूट

Serum Institute

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आदर पूनावाला ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड-19 टीके की 1.11 करोड़ खुराक की आपूर्ति की जा रही है और फरवरी तक पांच से छह करोड़ और खुराक की आपूर्ति करने की योजना है।

पुणे। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आदर पूनावाला ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड-19 टीके की 1.11 करोड़ खुराक की आपूर्ति की जा रही है और फरवरी तक पांच से छह करोड़ और खुराक की आपूर्ति करने की योजना है। उन्होंने देश भर में 16 जनवरी से शुरू हो रहे टीकाकरण अभियान के लिए कोविशील्ड टीके की आपूर्ति को मंगलवार को ‘‘गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक’’ पल करार दिया। गौरतलब है कि मंगलवार तड़के, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से देश के विभिन्न भागों में कोविड-19 टीके की पहली खेप भेजी गई। इंस्टीट्यूट में कुछ पत्रकारों से बातचीत में पूनावाला ने कहा कि असली चुनौती टीके को ‘‘आम जनता, संवेदनशील समूहों और स्वास्थ्यकर्मियों तक पहुंचाना है।’’

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पूनावाला ने कहा, ‘‘हमारे ट्रक तड़के इंस्टीट्यूट से रवाना हुए और अब टीका पूरे देश में भेजा जा रहा है। यह गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक पल है क्योंकि वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और इससे जुड़े तमाम लोगों ने एक साल से भी कम में टीका विकसित करने में बहुत मेहनत की है।’’ पूनावाला ने कहा कि इंस्टीट्यूट ने भारत सरकार को 200 रुपये की विशेष कीमत पर टीका दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुनिया के सबसे किफायती टीकों में से एक है और हम प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के दृष्टिकोण और देश की जनता का साथ देने के लिए भारत सरकार को विशेष कीमत पर इसे उपलब्ध करा रहे हैं।’’

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उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट को आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद यह टीका बाजार में 1,000 रुपये की कीमत पर उपलब्ध होगा। पूनावाला ने कहा कि इंस्टीट्यूट सिर्फ भारत को ही टीका मुहैया नहीं करा रहा है बल्कि ‘‘उन देशों को भी देगा जो इसके लिए भारत से मदद चाहते हैं।’’ कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका ने मिलकर विकसित किया है और इसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है। सुबह करीब पांच बजे फ्रीज वाले ट्रक सीरम इंस्टीट्यूट से पूजा के बाद पुणे हवाईअड्डे के लिए रवाना हुए, जहां से टीके को पूरे देश में भेजा गया। पूनावाला ने कहा, ‘‘भारत सरकार 200 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से टीके की 10 करोड़ खुराक खरीदेगी, उसके बाद टीके का दाम बढ़ जाएगा। हम सरकार को जो टीका दे रहे हैं वह आम जनता, गरीबों, वंचितों और स्वास्थ्यकर्मियों को लि:शुल्क लगाया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट के पास फिलहाल टीके की आठ करोड़ खुराक हैं।

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उन्होंने कहा कि फिलहाल देश में टीके की 1.11 करोड़ खुराक की आपूर्ति की जा रही है और फरवरी तक पांच से छह करोड़ अतिरिक्त डोज की आपूर्ति की जाएगी। पूनावाला ने कहा, ‘‘हमने भारत को प्राथमिकता दी है। हम देश में जितनी मांग होगी, उतनी खुराक उपलब्ध कराएंगे। बाकी का टीका निर्यात किया जाएगा। सऊदी अरब, ब्राजील, अफ्रीका से मांग की जा रही है और कोवैक्स साझेदार भी हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि इंस्टीट्यूट की उत्पादन क्षमता दुनिया में सबसे ज्यादा है और इसलिए कंपनी पर सबसे ज्यादा दबाव है। उन्होंने कहा, ‘‘छोटी कंपनियां टीका लाने में वक्त लगा रही हैं। उनकी आपूर्ति दूसरी या तीसरी तिमाही में बढ़ेगी। उस वक्त तक दुनिया हम पर निर्भर है और हम टीके की आपूर्ति कर सभी को खुश करेंगे।’’ पूनावाला ने कहा कि इंस्टीट्यूट जल्दी ही दूसरे देशों को टीके का निर्यात शुरू करेगा। टीके की सुरक्षा के संबंध में सवाल का जवाब देते हुए सीईओ ने कहा कि कोविड-19 के टीके ने सुरक्षा के प्रत्येक मानक को अपनाया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय औषधि महानियंत्रक किसी टीके को उस वक्त तक लाइसेंस नहीं देगा जब तक उसके प्रभाव और सुरक्षा की पुष्टि नहीं हो जाती। सभी भारतीय टीके सुरक्षित, प्रभावी हैं और लोगों को सलाह दी जाती है कि वे इसे लगवाएं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को सवाल करने का अधिकार है, लेकिन मैं लोगों से कहूंगा कि वे इसके बारे में अध्ययन करें, इसके विज्ञान को समझें और हमेशा यह सलाह दी जाती है कि बीमारी से लड़ने के लिए टीका लगाएं।’’ पूनावाला ने कहा कि कोविशील्ड पर काम मार्च 2020 में शुरू हुआ और किसी को अनुमान नहीं था कि हम एक साल के भीतर हम टीका विकसित कर लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘सामान्य तौर पर टीका विकसित करने में तीन से चार साल लगते हैं।’’ पूनावाला ने कहा, ‘‘काफी देश प्रधानमंत्री कार्यालय और भारत को पत्र लिखकर इंस्टीट्यूट से टीके की आपूर्ति का अनुरोध कर रहे हैं। हम सभी को खुश रखने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हमें अपने लोगों का ध्यान पहले रखना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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