बेटी की तस्वीर गले लगाकर बोली निर्भया की मां, आज तुम्हें न्याय मिल गया

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आशा देवी ने कहा ‘‘हम उच्चतम न्यायालय से दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध करेंगे ताकि भविष्य में अपराधी बचाव के लिए किसी तरह की तिकड़म न अपना सकें।’’ उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी के बाद अब महिलाएं निश्चित रूप से खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी।

नयी दिल्ली। निर्भया की मां आशा देवी ने अपनी बेटी के सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह फांसी दिए जाने के बाद कहा कि आखिरकार न्याय हुआ और अब महिलाएं सुरक्षित महसूस करेंगी। निर्भया मामले के चारों दोषियों को आज सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। द्वारका स्थित अपने आवास पर आशा देवी ने संवाददाताओं से कहा कि न्याय में विलंब हुआ लेकिन उन्हें न्याय मिला।

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उन्होंने कहा कि भारत की बेटियों के लिए न्याय की खातिर उनकी लड़ाई जारी रहेगी। आशा देवी ने कहा ‘‘हम उच्चतम न्यायालय से दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध करेंगे ताकि भविष्य में अपराधी बचाव के लिए किसी तरह की तिकड़म न अपना सकें।’’ उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी के बाद अब महिलाएं निश्चित रूप से खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी। उन्होंने कहा कि मृत्यु वारंट पर तामील को तीन बार अलग अलग आधार पर टाला गया लेकिन अंतत: उन्हें न्याय मिला। आशा देवी ने कहा ‘‘इस फांसी के बाद निश्चित रूप से महिलाओं को सुरक्षा का अहसास होगा और अब अभिभावक भी अपने बेटों को महिलाओं के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने के लिए कहेंगे।’’

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उन्होंने कहा ‘‘संविधान और न्याय व्यवस्था में हमारा विश्वास हिल जैसा गया था लेकिन विश्वास बहाल हो गया। यह फांसी अपराधियों को कड़ी चेतावनी देगी कि वे इस तरह के अपराध करने की हिम्मत न करें।’’ नम आंखें लिए भावुक स्वर में आशा देवी ने कहा ‘‘अब मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी।’’ उन्होंने सभी मांओं से अपील की कि परिवार और समाज में होने वाले यौन उत्पीड़न के मामलों की रिपोर्ट दर्ज अवश्य कराएं और अपनी बेटियों का साथ दें। निर्भया के पिता ने पीटीआई से कहा ‘‘न्याय के लिए हमारा इंतजार बेहद पीड़ादायी था। हम अपील करते हैं कि आज का दिन निर्भया ‘न्याय दिवस’ के तौर पर मनाया जाए।’’

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उन्होंने कहा ‘‘हम पूरी रात सो नहीं पाए। बीती रात उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय तक दौड़ते रहे। लेकिन अंत: वह घड़ी आ ही गई। बलिया में हमारे गांव में अब होली खेलेंगे।’’ निर्भया के अभिभावकों के द्वारका स्थित आवास के बाद बड़ी संख्या में लोग तड़के से ही एकत्रथे। गौरतलब है कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक महिला के साथ हुए सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले के चारों दोषियों को आज शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई। पूरे देश की आत्मा को झकझोर देने वाले इस मामले की पीड़िता को ‘‘निर्भया’’ नाम दिया गया। इस मामले के चारों दोषियों... मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) ने फांसी से बचने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्पों का पूरा इस्तेमाल किया और बृहस्पतिवार की रात तक इस मामले की सुनवाई चली। सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के इस मामले के इन दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद तीन बार सजा की तामील के लिए तारीखें तय हुईं लेकिन फांसी टलती गई। अंतत: आज सुबह साढ़े पांच बजे चारों दोषियों को फांसी दे दी गई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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