IIT कानपुर के विद्यार्थियों से बोले PM मोदी, आने वाले 25 सालों में भारत की विकास यात्रा की बागडोर आपको संभालनी है

PM Modi
अंकित सिंह । Dec 28 2021 12:35PM

मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव की इस घड़ी में जब आप आईआईटी की लेगसी लेकर निकल रहे हैं तो उन सपनों को भी लेकर निकले कि 2047 में भारत कैसा होगा। आने वाले 25 सालों में भारत की विकास यात्रा की बागडोर आपको ही संभालनी है।

IIT कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कानपुर के लिए दोहरी खुशी का दिन है। आज एक तरफ कानपुर को मेट्रो जैसी सुविधा मिल रही है। वहीं दूसरी और टेक्नोलॉजी की दुनिया को आईआईटी कानपुर से आप जैसे अनमोल उपहार भी मिल रहे हैं। विद्यार्थियों को बधाई देते हुए मोदी ने कहा कि आज आप जहां पहुंचे हैं, आपने जो योग्यता हासिल की है, उसके पीछे आपके माता पिता, आपके परिवार के लोग और आपके अध्यापकों जैसे अनेकों लोग होंगे। उन्होंने कहा कि कानपुर भारत के उन चुनिंदा शहरों में से है, जो इतना diverse है। सत्ती चौरा घाट से लेकर मदारी पासी तक, नाना साहब से लेकर बटुकेश्वर दत्त तक, इस शहर की सैर करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे हम स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों के गौरव की, उस गौरवशाली अतीत की सैर कर रहे हैं।

मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव की इस घड़ी में जब आप आईआईटी की लेगसी लेकर निकल रहे हैं तो उन सपनों को भी लेकर निकले कि 2047 में भारत कैसा होगा। आने वाले 25 सालों में भारत की विकास यात्रा की बागडोर आपको ही संभालनी है। उन्होंने काह कि ये दौर, ये 21वीं सदी, पूरी तरह Technology Driven है। इस दशक में भी Technology अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है। बिना Technology के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा। ये जीवन और Technology की स्पर्धा का युग है और मुझे विश्वास है कि इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे। आपने अपनी जवानी के इतने महत्वपूर्ण वर्ष technology का एक्सपर्ट बनने में लगाए हैं। आपके लिए इससे बड़ा अवसर क्या होगा? आपके पास तो भारत के साथ ही पूरे विश्व में technology के क्षेत्र में योगदान करने का बहुत बड़ा अवसर है।

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मोदी ने कहा कि पहले अगर सोच काम चलाने की होती थी, तो आज सोच कुछ कर गुजरने की, काम करके नतीजे लाने की है। मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही होगी लेकिन मैं चाहता हूं कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें। आत्मनिर्भर भारत, पूर्ण आजादी का मूल स्वरूप ही है, जहां हम किसी पर भी निर्भर नहीं रहेंगे। पहले अगर समस्याओं से पीछा छुड़ाने की कोशिश होती थी, तो आज समस्याओं के समाधान के लिए संकल्प लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था- Every nation has a message to deliver, a mission to fulfill, a destiny to reach. यदि हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तो हमारा देश अपने लक्ष्य कैसे पूरे करेगा, अपनी Destiny तक कैसे पहुंचेगा? आप ये कर सकते हैं, मेरा आप पर भरोसा है।

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