पनामा सूची में जिनके नाम हैं उनकी संपत्ति कुर्क करें: माकपा

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात ने आज कहा कि भारतीयों द्वारा फर्जी (शेल) कंपनियों का अधिग्रहण करने पर ‘पूरी तरह रोक’ लगाई जानी चाहिए।

माकपा ने आज कहा कि भारतीयों द्वारा फर्जी (शेल) कंपनियों का अधिग्रहण करने पर ‘पूरी तरह रोक’ लगाई जानी चाहिए। इसके साथ ही उसने दावा किया कि राजग सरकार अपनी प्रस्तावित कार्रवाई से पनामा पेपर्स लीक मामले में ‘सिर्फ लीपापोती’ करेगी और वह कर चोरों के पनाहगाह देशों और कालाधन की उत्पत्ति के ढांचे को छूने के प्रति ‘अनिच्छुक’ है। पार्टी के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने मांग की कि यदि केंद्र सरकार कालाधन को खत्म करने, कर चोरी और धन शोधन को समाप्त करने के प्रति ‘गंभीर’ है तो उसे उन लोगों का अवैध धन और संपत्ति जब्त कर लेनी चाहिए जिनके नाम पनामा सूची में हैं।

करात ने हालांकि दावा किया कि भाजपा सरकार ऐसी कार्रवाई करने का ‘साहस नहीं करेगी’ क्योंकि अंतरराष्ट्रीय वित्त-पूंजी की पूरी प्रणाली कर चोरों के पनाहगाहों और फर्जी कंपनियों के बीच का तानाबाना बेहद उलझा हुआ है। अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए उन्होंने पिछली राजग सरकार पर आरोप लगाया कि उसी ने विदेशों से वित्तीय निवेश के लिए ‘मॉरीशस मार्ग खोला’ था और बाद में ‘यह धन शोधन और राउंड ट्रिपिंग का सबसे बड़ा स्रोत बन गया।’’

माकपा के प्रकाश करात ने कहा, ‘‘पनामा पेपर्स लीक पर जो कार्रवाई प्रस्तावित है वह फिर एक बार स्पष्ट करती है कि नरेंद्र मोदी सरकार केवल लीपापोती करेगी और कर चोरों के पनाहगाह देशों, धन शोधन और कालाधन की उत्पत्ति के ढांचे को छूने के प्रति वह अनिच्छुक है।’’ करात ने कहा, ‘‘यदि मोदी सरकार वाकई कालाधन, कर चोरी और धन शोधन के मुद्दे के प्रति गंभीर है। तो उसे भारतीयों द्वारा फर्जी कंपनियों के अधिग्रहण और कर चोरी के पनाहगाह देशों में गुप्त खातों के संचालन पर पूरी तरह रोक लगानी चाहिए। यह पनामा सूची में नाम वालों की अवैध संपत्ति और धन को जब्त करने से अलग है।’’

करात ने यह टिप्पणी पार्टी के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के आने वाले अंक में की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली की इस टिप्पणी कि इस तरह के खुलासे विदेशों में रखे गए अवैध धन पर कार्रवाई करने में सरकार की मदद करते हैं पर करात ने कहा कि मोदी व्यवस्था का ट्रैक रिकॉर्ड इस संबंध में ‘कोई विश्वास’ नहीं दिखाता। करात ने कहा, ‘‘मोदी सरकार के कार्यकाल के दो साल पूरे हो गए लेकिन देश में काला धन वापस लाने के क्षेत्र में बहुत कम काम पूरा किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अवैध धन रखने वालों और फर्जी कंपनी चलाने वालों के बारे में ‘केवल तकनीकी रूख अपना’ रही है। करात ने कहा इससे पहले हुए खुलासों में सरकार ने उन लोगों को केवल ‘कुछ कर नोटिस’ भेजे थे जिन्होंने अपने विदेश में रखे गए धन और संपत्ति को उजागर नहीं किया था। उन्होंने दावा किया कि जहां तक जेटली दावा कर रहे हैं कि इस तरह के खुलासे भारत की मदद करेंगे तो वह इस बारे में कहना चाहेंगे कि जेटली केवल ख्वाब बुन रहे हैं। करात ने जेटली और रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के उस रूख की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि इन खातों और संपत्तियों में से कुछ वैध भी हो सकते हैं।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


Tags

    अन्य न्यूज़