भारत-चीन तकरार: रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री की आपात बैठक, सेना प्रमुख का पठानकोट दौरा रद्द

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अंकित सिंह । Jun 16 2020 3:05PM

इस घटना को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की है। पूर्वी लद्दाख के घटनाक्रमों पर चर्चा की गई।

लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक टकराव के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। सेना ने यह जानकारी दी। इसे चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की शहादत की संभवत: पहली घटना माना जा रहा है। इससे पहले 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे। सेना ने कहा कि चीन को भी नुकसान हुआ है। हालांकि कितना नुकसान हुआ है यह अभी स्पष्ट नहीं है। इस घटना को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की है। पूर्वी लद्दाख के घटनाक्रमों पर चर्चा की गई।

इस बीच सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे की पठानकोट सैन्य स्टेशन की यात्रा रद्द कर दी गई है। आज दोपहर 3 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाली बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी हिस्सा लेंगे। इसी बैठक में रक्षा मंत्री प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सभी घटनाक्रमों की जानकारी देंगे। सेना के सूत्र ने कहा है कि भारत और चीन के प्रमुख जनरल लद्दाख के गलवान घाटी और अन्य क्षेत्रों में स्थिति को सामान्य करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। चीन ग्लोबल टाइम्स ने अपने विदेश मंत्री को क्वोट किया कि चीन और भारतीय पक्ष ने सीमा पर बनी स्थिति को सही करने और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए बातचीत के माध्यम से द्विपक्षीय मुद्दों को हल करने पर सहमति जताई है। 

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आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई। सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। गौरतलब है कि बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं। भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलतबेग ओल्डी में तनाव चल रहा है। बड़ी संख्या में चीनी सैनिक वास्तविक सीमा पर पैंगोंग झील सहित कई भारतीय क्षेत्रों में आ गए थे। भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए चीनी सैनिकों को इलाके में शांति बहाल करने के लिये तुरंत पीछे हटने के लिये कहा। दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने के लिये बीते कुछ दिनों में कई बार बातचीत हो चुकी है।

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