भारत ने म्यांमा का तहेदिल से समर्थन करने का वादा किया
दशकों के सैन्य शासन के बाद म्यांमा के एक नई राह पर कदम बढ़ाने के बीच भारत ने अपने इस पड़ोसी देश के सफर के ‘‘हर कदम’’ पर तहेदिल से उसका समर्थन करने का वादा किया।
दशकों के सैन्य शासन के बाद म्यांमा के एक नई राह पर कदम बढ़ाने के बीच भारत ने अपने इस पड़ोसी देश के सफर के ‘‘हर कदम’’ पर तहेदिल से उसका समर्थन करने का वादा किया। दोनों देशों ने अपने संबंधों को गहरा बनाने और क्षेत्र में आतंकवादी एवं उग्रवादी गतिविधियों से मुकाबले में सक्रिय रूप से सहयोग करने का इरादा जाहिर किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंग सान सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की नई सरकार से किए जा रहे पहले शीर्ष-स्तरीय संवाद के दौरान म्यांमा के राष्ट्रपति यू तिन क्यॉव से गहन वार्ता की और म्यांमा की आंतरिक शांति प्रक्रिया के प्रति भारत का पूरा समर्थन जाहिर किया।
दोनों देशों ने संपर्क, औषधि एवं अक्षय ऊर्जा के अलावा कृषि, बैंकिंग और बिजली सहित कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए चार सहमति-पत्रों पर हस्ताक्षर किए। मीडिया के लिए जारी बयान को पढ़ते हुए मोदी ने बाद में कहा कि दोनों पक्षों ने माना है कि एक-दूसरे के सुरक्षा हित करीबी तौर पर जुड़े हुए हैं और दोनों देश क्षेत्र में आतंकवादी एवं उग्रवादी गतिविधियों से मुकाबले के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। तिन क्यॉव की मौजूदगी में मोदी ने कहा, ‘‘हमने माना कि हमारे सुरक्षा हित करीबी तौर पर जुड़े हुए हैं..और हम एक-दूसरे के सामरिक हितों एवं चिंताओं के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत पर सहमत हुए।’’ मोदी ने कहा, ‘‘इस बाबत राष्ट्रपति और मैं हमारे लोगों की संरक्षा एवं सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। अपने क्षेत्र में आतंकवाद एवं उग्रवादी गतिविधियों की साझा चुनौतियों से मुकाबले में हम सक्रिय सहयोग करेंगे।’’
भारत के सामरिक पड़ोसियों में से एक माने जाने वाला म्यांमा उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित कई पूर्वोत्तर राज्यों से करीब 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। म्यांमा में पूर्वोत्तर के कई उग्रवादी संगठनों की मौजूदगी का मुद्दा भारत अपने इस पड़ोसी के सामने उठाता रहा है। देश में समग्र वृद्धि एवं विकास लाने के म्यांमा की नई सरकार के एजेंडे का हवाला देते हुए मोदी ने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त कर दूं कि इस राह के हर कदम पर भारत के 1.25 अरब लोग आपके साथ खड़े होंगे- एक साझेदार और एक दोस्त के तौर पर।’’ म्यांमा के प्रति भारत के समर्थन का फिर से भरोसा दिलाते हुए मोदी ने कहा कि भारत इस रिश्ते को ‘‘नई ऊंचाइयों’’ तक ले जाना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘म्यांमा का उज्ज्वल भविष्य सिर्फ हमारा लक्ष्य नहीं है। यह हमारी आकांक्षा भी है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश दालों के व्यापार में एक दीर्घकालिक और आपस में लाभदायक व्यवस्था की दिशा में काम करने पर भी सहमत हुए।
भारत को दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ने वाला एक ‘‘पुल’’ करार देते हुए मोदी ने कहा ‘‘आज हमारी चर्चा ने हमें हमारे सहयोग के लिए एक खाका और एक कार्य एजेंडा विकसित करने के लायक बनाया है।’’ म्यांमा के राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार भारत से अपने संबंधों को मजबूत बनाना चाहती है। चीन म्यांमा में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है और कई प्रमुख परियोजनाओं में बड़े निवेश कर रहा है।
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