उच्चायोग कर्मी के निष्कासन पर भारत ने जताई कड़ी प्रतिक्रिया

इस्लामाबाद में भारत के उच्चायोग के कर्मी को निष्कासित किए जाने के पाकिस्तान के फैसले पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि यह कदम इस बात की पुष्टि करता है कि पाकिस्तान का सीमा-पार आतंकवाद फैलाने समेत अपनी भारत-विरोधी गतिविधियों से इनकार करना जारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से इस कदम को उचित ठहराने के लिए कोई दलील नहीं दी गई है। इस क्रम में उसने सिर्फ एक ‘‘पूरी तरह निराधार और अप्रमाणित’’ आरोप लगा दिया है कि उक्त व्यक्ति की गतिविधियां राजनयिक नियमों के अनुरूप नहीं थीं।
स्वरूप ने कहा, ‘‘सरकार को खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि इस्लामाबाद में भारत के उच्चायोग में सहायक कर्मी एवं कल्याण अधिकारी सुरजीत सिंह को पाकिस्तान की सरकार द्वारा अवांछित व्यक्ति करार देने और उसे एवं उसके परिवार को निष्कासित कर देने का फैसला किया गया है। सरकार पाकिस्तान के इस कदम की निंदा करती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बात जाहिर ही है कि यह कदम भारत-विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाकिस्तान उच्चायुक्त के कर्मी महमूद अख्तर को गुरुवार को दिल्ली में पकड़े जाने के बाद सोच समझकर उठाया गया है। पाकिस्तान का यह कदम इस बात की पुष्टि करता है कि उसका सीमा पार आतंकवाद फैलाने समेत अपनी भारत-विरोधी गतिविधियों से लगातार इनकार करना जारी है।’’
भारत की ओर से गुरुवार को अख्तर को निष्कासित किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भी सिंह को अवांछित करार दे दिया था और 48 घंटे में देश छोड़कर चले जाने के लिए कहा था। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के विदेश सचिव ने भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावले को इस फैसले के बारे में बताने के लिए, ‘‘भारतीय अधिकारी द्वारा वियना संधि एवं स्थापित राजनयिक नियमों के उल्लंघन करने वाली गतिविधियों पर गहरी चिंता जताने के लिए’’ तलब किया था।
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