भारत ने कोरोना में बचाए 34 लाख जीवन, वैक्सीन बना सबसे बड़ा हथियार, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट जारी

कोरोना महामारी ने ऐसी आफत दी एक-एक दिन में हजारों जानें ली। सारी दुनिया इस वैश्विक महामारी से त्रस्त रही। लेकिन इन सब के बीच एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि भारत ने कोरोनाकाल में 34 लाख से ज्यादा लोगों की जान बचाई है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस के वर्किंग पेपर के अनुसार भारत में कोविड-19 वैक्सिनेशव प्रोग्राम 3.4 मिलियन लोगों की जान बचाने और नुकसान को रोककर 15.4 बिलियन डॉलर का शुद्ध आर्थिक लाभ उत्पन्न करने में सक्षम रही।
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स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा जारी की गई, जिन्होंने विश्वविद्यालय के "द इंडिया डायलॉग" में अपने वर्चुअल संबोधन के दौरान पेपर प्रस्तुत किया। मंडाविया ने अपने भाषण में दावा किया कि भारत ने इतिहास में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया है, जिसमें 12 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को 2.2 बिलियन से अधिक खुराक प्रदान की गई है, जिसमें पहली खुराक का 97 प्रतिशत और दूसरी खुराक का 90 प्रतिशत कवरेज है।
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सभी के लिए समान कवरेज पर अभियान के जोर के कारण, सभी नागरिकों को मुफ्त टीकाकरण प्राप्त हुआ। उन्होंने दावा किया कि अंतिम-मील वितरण को सुनिश्चित करने के लिए, अभियान और डिजिटल उपकरण जैसे "हर घर दस्तक," मोबाइल टीकाकरण टीमों के साथ-साथ को-विन वैक्सीन प्रबंधन मंच का उपयोग किया गया था। उन्होंने कहा कि सफलता चिंताओं को दूर करने और गलत सूचना को नियंत्रित करने पर निर्भर करती है।
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