लेनदेन का पता लगाने में सक्षम हैं जांच एजेंसियां: सिन्हा

[email protected] । Apr 30 2016 5:30PM

वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने आज कहा कि भारत की जांच एजेंसियां यह पता लगाने में सक्षम हैं कि अवैध लेन देन में धन कहां से निकल कर कहां तक पहुंचा।

अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर चल रहे विवाद के बीच वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने आज कहा कि भारत की जांचकर्ता एजेंसियां यह पता लगाने में सक्षम हैं कि अवैध लेन देन में धन कहां से निकल कर कहां तक पहुंचा। उन्होंने कहा कि जनता की भलाई के लिए ऐसे मामलों का पीछा करेगी। यह पूछे जाने पर कि सरकार कितनी आश्वस्त है कि वह धन सोनिया गांधी तक पहुंचने की बात को साबित कर सकेगी या यह केवल राजनीतिक धौंस-पट्टी भर है, सिन्हा ने कहा, ‘यह सब जांच का मामला है जो हमारी एजेंसियां कर रही हैं और वे बहुत ही सक्षम हैं।’

उन्होंने यहां प्रवर्तन निदेशालय दिवस के अवसर पर कहा, 'वे (जांच एजेंसियां) उस धन के रास्ते को ढूंढने और उसका पता लगाने की क्षमता रखती हैं। निश्चित रूप से हम देश की जनता के फायदे के लिए इस मामले का पीछा वहां तक करेंगे जहां तक जांच और सबूत हमें लेकर कर जाएंगे।’ सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी हेलीकाप्टर सौदे में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की संलिप्तता के आरोप लगा रही है।

वीवीआईपी हेलीकाप्टर का 3,600 करोड़ रुपए का यह सौदा 2010 में तत्कालीन संप्रग सरकार के एक फैसले से जुड़ा है। तत्कालीन सरकार ने अगस्तावेस्टलैंड की इकाई इतालवी विनिर्माता फिनमेकेनिका से 12 हेलीकाप्टर खरीदने का फैसला किया था। सीबीआई ने 2013 में इस सौदे में कथित रिश्वतखोरी के संबंध में एक मामला दर्ज किया। आरोप है कि कंपनी ने 12 हेलीकाप्टरों का यह सौदा हासिल करने के लिए कई भारतीयों को रिश्वत दी। विजय माल्या से जुड़े 9000 करोड़ रुपए के ऋण चूक मामले के संबंध में सिन्हा ने कहा कि ये वाणिज्यिक मामले हैं और बैंक इन मामलों में कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यह उनके लिए व इस मामले की जांच कर रही एजेंसियों के लिए स्पष्ट है। हमारे पास वाणिज्यिक पहलू के साथ जांच के पहलू पर बहुत ही मजबूत व स्वतंत्र प्रक्रिया है।’ क्या माल्या को अभियोजन के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा यह पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा, 'यह सरकारों के बीच का मामला है जिसे दोनों देशों के कानूनों को ध्यान में रखते हुए सुलझाया जाएगा। हमने माल्या के संबंध में मामला उठाया है और हमें कानून के हिसाब से ही काम करना होगा।’ इसी सप्ताह भारत ने ब्रिटेन से माल्या को प्रत्यर्पित करने के लिए लिखा है। माल्या की कंपनी किंगफिशर पर बैंकों का कर्ज जानबूझ कर नहीं चुकाने का आरोप है। इसके साथ ही सिन्हा ने विभिन्न एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान प्रदान की जरूरत तथा प्रभावी जांच के लिए बड़े डेटा के विश्लेषण की जरूरत पर जोर दिया।

सिन्हा ने यहां प्रवर्तन दिवस कार्य्रकम को संबोधित करते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि निदेशालय व अन्य सरकारी जांच एजेंसियों में हमें एक जो काम करना होगा वह है (बिग डेटा) बड़ी सूचनाओं का विश्लेषण है।’ इसी संदर्भ में उन्होंने यदि आप फेमा के तहत रिजर्व बैंक द्वारा रखे जाने वाले आंकड़े और विदेशी विनिमय के लेन देने की जानकारियों को देखें तो वह आंकड़ा सीमा शुल्क विभाग द्वारा विदेशों को भेजी जाने वाली वस्तुओं और वहां से मंगाई जाने वाली वस्तुओं के ‘बिल आफ एंट्री’ (प्रवेश पर्ची) के आंकड़ों से मेल नहीं खाता। यदि आंकड़ों के इस अंतर को विभिन्न एजेंसियों को बताया जाए तो जांच में और भी निपुणता आ सकती है।

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