Kerala में ‘Good Friday’ की प्रार्थना में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा का मुद्दा उठा

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तिरुवनंतपुरम में लातिन आर्चडायोसिस समेत विभिन्न गिरजाघरों के तत्वाधान के तहत आयोजित ‘वे ऑफ क्रॉस’ जुलूस के तौर पर ईसा मसीह के अंतिम क्षणों की याद में सैकड़ों लोग लकड़ी के क्रॉस लेकर चले।

केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में लातिन कैथोलिक मेट्रोपोलिटन आर्कबिशप थॉमस जे. नेट्टो ने सेंट जोसेफ मेट्रोपोलिटन गिरजाघर में ‘गुड फ्राइडे’ के अवसर पर विशेष प्रार्थना के दौरान मणिपुर और भारत के अन्य हिस्सों में ईसाइयों के खिलाफ हुई हिंसा का मुद्दा उठाया।

नेट्टो ने कहा कि खासतौर से मणिपुर और उत्तर भारत समेत देश के विभिन्न हिस्सो में ईसाइयों को ‘‘असामाजिक ताकतों द्वारा क्रूरता और हिंसा’’ का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राधिकारियों ने इसमें कोई प्रभावी हस्तक्षेप नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी बुरी ताकतों के खिलाफ कदम उठाने की आवश्यकता है।’’

केरल में ईसाई समुदाय ने पारंपरिक मान्यताओं और रीति-रिवाजों के अनुसार तथा गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना में शामिल होकर ‘गुड फ्राइडे’ मनाया। ईसा मसीह द्वारा 2000 साल पहले सहन की गई पीड़ा को याद करने के लिए सुबह से ही गिरजाघरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होने लगे।

तिरुवनंतपुरम में लातिन आर्चडायोसिस समेत विभिन्न गिरजाघरों के तत्वाधान के तहत आयोजित ‘वे ऑफ क्रॉस’ जुलूस के तौर पर ईसा मसीह के अंतिम क्षणों की याद में सैकड़ों लोग लकड़ी के क्रॉस लेकर चले।

एर्नाकुलम जिले में मलयत्तूर पर्वत पर स्थित प्रसिद्ध सेंट थॉमस गिरजाघर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे। ‘गुड फ्राइडे’ ईसाई धर्म के लोगों के लिए पवित्र दिन है। मान्यता है कि इसी दिन ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाया गया था। इस दिन को होली फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और इस्टर फ्राइडे भी कहा जाता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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