Jaishankar ने कहा कि भारत ने पिछले आठ से नौ साल में बड़ा बदलाव देखा है

Jaishankar
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यहां अपनी किताब ‘द इंडिया वे’ के मराठी अनुवाद ‘भारत मार्ग’ के विमोचन के मौके पर जयशंकर ने कहा कि इसका उद्देश्य लोगों को राष्ट्र की विदेश नीति से जोड़ना था न कि केवल ‘‘मंदारिनों’’ (आमतौर पर प्रभावशाली नौकरशाहों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) को सुनना।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को यहां कहा कि भारत में पिछले आठ से नौ वर्षों में बहुत बड़ा बदलाव देखा गया है और ‘आत्मनिर्भर’ बनने के बाद देश एक अग्रणी ताकत होगा। यहां अपनी किताब ‘द इंडिया वे’ के मराठी अनुवाद ‘भारत मार्ग’ के विमोचन के मौके पर जयशंकर ने कहा कि इसका उद्देश्य लोगों को राष्ट्र की विदेश नीति से जोड़ना था न कि केवल ‘‘मंदारिनों’’ (आमतौर पर प्रभावशाली नौकरशाहों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) को सुनना।

उन्होंने चीन और महत्वाकांक्षी उत्तरी पड़ोसी के साथ-साथ जापान के साथ भारत के संबंधों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भूमिका के साथ देश के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें आठ अध्याय हैं। मैं चाहता था कि लोग (देश की) विदेश नीति से जुड़ें। मैं केवल दिल्ली ही नहीं, अन्य राज्यों के लोगों को भी शामिल करना चाहता हूं। मैंने इस पुस्तक को सरल में लिखा है और इसे आसानी से पढ़ा जा सकता है।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘पहला अध्याय दो नवाबों द्वारा शतरंज खेलते हुए ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों अवध को खोने के बारे में है, दूसरा अध्याय वैश्वीकरण और इससे उत्पन्न होने वाली चुनौतियों के बारे में है, और तीसरा अध्याय ‘‘दिल्ली के सिद्धांत जो पारंपरिक रूप से परिभाषित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चौथा विदेश नीति के बारे में है। मुझे लगता है कि हमें विदेश नीति को मंदारिनों पर नहीं छोड़ना चाहिए। हमें जनता की भी सुननी चाहिए। हमें अपनी विदेश नीति बनाते समय लोगों की भावनाओं पर विचार करना चाहिए।’’

चीन के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि यह भारत का एकमात्र ऐसा पड़ोसी देश है जो एक वैश्विक शक्ति है और आने वाले वर्षों में एक महाशक्ति बन सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि जब हमारे पास ऐसा पड़ोसी है तो चुनौतियां हैं। चीन से कैसे निपटा जाये, इस पर मेरी किताब का एक अध्याय है। मैंने यह भी लिखा है कि जापान हमें कैसे लाभान्वित करेगा। बंटवारे के बाद देश को दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन अब हमारा प्रभाव प्रशांत महासागर तक है।’’

जयशंकर ने कहा कि किताब में, उन्होंने कोविड-19 महामारी, अफगानिस्तान संकट, रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ-साथ राष्ट्रों के बीच तनाव दुनिया को कैसे प्रभावित करता है, पर भी विचार-विमर्श किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ से नौ वर्षों में (2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से) भारत में बड़े बदलाव देखे गये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में बड़े पैमाने पर विनिर्माण और तकनीकी प्रगति हो रही है। सबसे बड़ी सफलता की कहानी हमारे आईफोन का निर्माण है।

हम आत्मनिर्भर बनेंगे तो भारत एक अग्रणी शक्ति बनेगा।’’ जयशंकर ने आतंकवाद के विषय पर भी बात की। उन्होंने पाकिस्तान के एक स्पष्ट संदर्भ में कहा, ‘‘हमारे पड़ोसी’’ के कारण कोई भी देश इस खतरे से भारत जितना पीड़ित नहीं हुआ है। आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत रुख को रेखांकित करते हुए, उन्होंने पुलवामा और उरी में हमलों के बाद ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का हवाला दिया और इन्हें ‘‘निर्णायक कार्रवाई’’ बताया।

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