''आजादी'' के नारे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहींः जेटली
एमनेस्टी इंटरनेशनल के एक कार्यक्रम में कथित रूप से भारत विरोधी नारेबाजी को लेकर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ‘आजादी’ के नारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं माना जा सकता।
जम्मू-नयी दिल्ली-बेंगलुरू। कांग्रेस को रविवार को ‘‘आतंकवादियों के समर्थकों के साथ सहानुभूति रखने’’ की आलोचनाओं के साथ मोदी सरकार के शीर्ष मंत्रियों के हमलों का सामना करना पड़ा। इससे पहले शनिवार को कर्नाटक के गृह मंत्री ने एक कार्यक्रम में कथित रूप से भारत विरोधी नारेबाजी को लेकर एमनेस्टी इंटरनेशनल को ‘‘क्लीन चिट’’ दी थी। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ‘आजादी’ के नारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं माना जा सकता। साथ ही जेटली ने कांग्रेस और उसकी कर्नाटक सरकार को आड़े हाथ लेते हुए उन पर मुद्दे पर वोट बैंक की राजनीति में लिप्त होने का आरोप लगाया।
जेटली ने कहा, ‘‘चार दिन पहले कर्नाटक की राजधानी, बेंगलूर में एक कार्यक्रम के दौरान कुछ व्यक्तियों की ओर से आजादी के नारे लगाये गए थे। एक ऐसे संगठन ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसे विदेशों से धनराशि मिलती है और शनिवार को मैंने कर्नाटक के गृह मंत्री का बयान पढ़ा जिसमें उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ उसमें कुछ भी गलत नहीं है।’’ उन्होंने जम्मू शहर के बाहरी क्षेत्र में आयोजित एक रैली में कहा, ‘‘इस देश द्वारा इतने बलिदान करने के बाद कुछ राजनीतिक पार्टियां ऐसा वोट बैंक की राजनीति के लिए करती हैं।’’
इस बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने जेएनयू में गत फरवरी में घटी एक ऐसी ही घटना को याद किया और कहा कि देश के विघटन के समर्थन में नारे लगाने को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तौर पर नहीं देखा जा सकता जैसा कि कुछ लोग वकालत कर रहे हैं।
बेंगलुरू में धरने पर बैठे एबीवीपी कार्यकर्ताओं के एक समूह से मिलने वाले केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर आतंकवादियों के समर्थकों के साथ सहानुभूति रखने और राष्ट्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अगुवाई में कांग्रेस सरकार ने राष्ट्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई की और आतंकवादियों के समर्थकों के प्रति सहानुभूति रखी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह केंद्र और राज्य सरकारों का कर्तव्य है कि वे देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करें। मैं बेहद खुश हूं कि कर्नाटक की मौजूदा कांग्रेस सरकार के खिलाफ लड़ाई छेड़कर एबीवीपी के कार्यकर्ता ऐसा प्रयास कर रहे हैं।’’ प्रदर्शनकारी एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन सौंपकर पूरे प्रकरण की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की। जवाब में कुमार ने कहा कि वह ‘केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे और उन्हें प्रदर्शनकारियों की भावनाओं से अवगत कराएंगे और घटना की एनआईए से जांच की मांग संबंधित ज्ञापन सौंपेंगे।’
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