वोटिंग अधिकार मामले में J&K प्रशासन ने कहा, तथ्यों को गलत ढंग से किया गया पेश

Voter
ANI Image

केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन का कहना है कि मतदाता सूची में संशोधन से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के मौजूदा निवासियों को शामिल किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची में बाहरी लोगों सहित 25 लाख अतिरिक्त मतदाताओं के जोड़े जाने की संभावना वाली टिप्पणी पर विवाद होने के बाद यह स्पष्टीकरण सामने आया है।

श्रीनगर। केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में 25 लाख से अधिक अतिरिक्त मतदाताओं के जुड़ने की खबरों को लेकर शनिवार को कहा कि ‘‘कुछ निहित स्वार्थों द्वारा तथ्यों को गलत ढंग से पेश किया गया है।’’ प्रशासन का कहना है कि मतदाता सूची में संशोधन से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के मौजूदा निवासियों को शामिल किया जाएगा। सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय द्वारा स्थानीय दैनिक अखबारों में प्रकाशित एक विज्ञापन में प्रशासन के हवाले से कहा गया है कि निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण किया जाता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची में बाहरी लोगों सहित 25 लाख अतिरिक्त मतदाताओं के जोड़े जाने की संभावना वाली टिप्पणी पर विवाद होने के बाद यह स्पष्टीकरण सामने आया है। सीईओ की टिप्पणी की यहां मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की।

इसे भी पढ़ें: दिल्ली से हवाला एजेंट मोहम्मद यासीन गिरफ्तार, LeT और अल बद्र के आतंकियों के लिए जुटाता था पैसा 

उन्होंने आरोप लगाया कि गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता सूची में शामिल करना जम्मू और कश्मीर के लोगों को बेदखल करने की एक चाल है। हालांकि, शनिवार को एक अखबार के विज्ञापन में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कहा कि सारांश संशोधन का उद्देश्य पात्र युवाओं को मतदाता के रूप में अपना पंजीकरण कराने में सक्षम बनाना था। सूचना विभाग ने कहा कि 2011 में जम्मू कश्मीर राज्य के विशेष सारांश संशोधन में प्रकाशित मतदाताओं की संख्या 66,00,921 थी और केंद्र शासित प्रदेश की मतदाता सूची में अब यह संख्या 76,02,397 है।

इसे भी पढ़ें: बाहरियों को वोटिंग अधिकार मामले में भाजपा पर भड़कीं महबूबा, बोलीं- मुल्क के झंडे को भगवा झंडे में लहरा देंगे 

उन्होंने कहा कि यह वृद्धि मुख्यत: उन नए मतदाताओं को शामिल किये जाने के कारण हुई है, जो अब 18 वर्ष के हो गए हैं। प्रशासन ने कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू होने के बाद 25 लाख से अधिक मतदाता मतदाता सूची में शामिल हो जाएंगे। प्रशासन की तरफ से कहा गया है, यह कुछ निहित स्वार्थों द्वारा तथ्यों की गलत व्याख्या है। मतदाता सूची में संशोधन से जम्मू कश्मीर के मौजूदा निवासियों को शामिल किया जाएगा।’’ विज्ञापन में कहा गया है कि कश्मीरी प्रवासियों के लिए उनके मूल निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में नामांकन के लिए विशेष प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़