चुनौतीपूर्ण समय में जेपी नड्डा ने संभाली है भारतीय जनता पार्टी की बागडोर

कड़ी मेहनत और लगन से भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद तक पहुंचने वाले जगत प्रकाश नड्डा अपनी ईमानदारी, पारदर्शिता और पार्टी संगठन पर मजबूत पकड़ रखने के लिए जाने जाते हैं । नड्डा ने ऐसे समय भाजपा की कमान संभाली है जब भगवा दल को विधानसभा चुनावों में संयुक्त विपक्ष से कड़ी चुनौती।
नयी दिल्ली। कड़ी मेहनत और लगन से भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद तक पहुंचने वाले जगत प्रकाश नड्डा अपनी ईमानदारी, पारदर्शिता और पार्टी संगठन पर मजबूत पकड़ रखने के लिए जाने जाते हैं । नड्डा ने ऐसे समय भाजपा की कमान संभाली है जब भगवा दल को विधानसभा चुनावों में संयुक्त विपक्ष से कड़ी चुनौती मिल रही है और ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा को राज्यों के चुनावों में मिली हार के बाद अपनी चुनावी रणनीति बदलने की जरूरत है। उनकी तात्कालिक चुनौती दिल्ली में आठ फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव हैं जहां सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के साथ उसका कड़ा मुकाबला है। इसके बाद साल के अंत में बिहार चुनाव होने हैं।
नड्डा की बड़ी परीक्षा हालांकि अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों में होगी, जहां भाजपा ने कभी सत्ता हासिल नहीं की है लेकिन वह ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के लिये बड़ी चुनौती बनी है। विधि स्नातक 59 वर्षीय नड्डा पार्टी में कई प्रमुख पदों पर रह चुके हैं। वह बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और पंजाब समेत कई राज्यों में पार्टी के चुनाव अभियान की अगुवाई कर चुके हैं। इसके अलावा वह अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकारों में मंत्री भी रह चुके हैं। वह प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
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बिहार की राजधानी पटना में 2 दिसंबर 1960 को नारायण लाल नड्डा और कृष्णा नड्डा के यहां जन्मे जगत प्रकाश ने पटना के सेंट जेवियर्स स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की और पटना विश्वविद्यालय के पटना कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री :एलएलबी: हासिल की । 11 दिसंबर 1991 को मलिका से उनका विवाह हुआ, जो हिमाचल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। इस बात से बहुत कम लोग वाकिफ हैं कि नड्डा ने बचपन में नयी दिल्ली में हुई ऑल इंडिया जूनियर तैराकी स्पर्धा में बिहार का प्रतिनिधित्व किया था।
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घी निकालने के लिए उंगली टेढ़ी करने के सिद्धांत पर भरोसा नहीं रखने वाले जे पी नड्डा पार्टी अध्यक्ष के पद पर पहुंचे पहले हिमाचली नेता हैं। छात्र जीवन से ही राजनीति के गुर समझने वाले जे पी राज्य की राजनीति में सुर्खियों से दूर रहकर अपना काम करते रहे। 31 वर्ष की उम्र में 1991 में जब उन्हें भाजपा की युवा इकाई की कमान सौंपी गई, तब नरेन्द्र मोदी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और हिमाचल के प्रभारी थे। यहां से दोनों के बीच घनिष्ठता बढ़ी, जो यहां तक पहुंची कि पिछले वर्ष अमित शाह को मंत्री पद देने के बाद जे पी नड्डा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया । उन्हें पिछले दिनों 20 जनवरी को पूर्ण रूप से पार्टी की कमान सौंप दी गई । मृदुभाषी, मिलनसार और आम तौर पर खामोशी से अपना काम करने में विश्वास रखने वाले नड्डा एक श्रेष्ठ संगठन कर्मी माने जाते हैं और उनसे उम्मीद है कि वह पूर्ववर्ती अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व के दौरान पार्टी को मिली शानदार सफलता को नई ऊंचाई देंगे।
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