कभी पिता ने संभाली थी नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी, अब ज्योतिरादित्य के कंधों पर भार

Jyotiraditya scindia
सुयश भट्ट । Jul 8 2021 10:51AM

कभी कांग्रेस के कद्दावार नेता रहे सिंधिया ने 10 मार्च 2020 को कांग्रेस छोड़ी और 11 मार्च 2020 को बीजेपी में शामिल हुए थे। उनके साथ ही 22 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया था, जिससे मध्य प्रदेश में कमल नाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई थी।

भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी को वापसी कराने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार शाम राष्ट्रपति भवन में मंत्री पद की शपथ ली। इस कैबिनेट विस्तार में सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट विस्तार में सिंधिया का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया पांचवीं बार संसद पहुंचे हैं। और उनके पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस के बड़े नेता थे। वहीं माधवराव सिंधिया भी नरसिम्हा राव की सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे थे। माधवराव सिंधिया ने 1991 से 1993 तक राव सरकार में नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्रालयों को संभाला था। बाद में मनमोहन सिंह सरकार में ऊर्जा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे। अब ज्योतिरादित्य ने अपने पिता की तरह ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली है।

पहले भी ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र में मंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ज्योतिरादित्य मनमोहन सरकार में संचार और आईटी मंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ज्योतिरादित्य को डाक व्यवस्था को पुनर्जीवित करने का भी श्रेय दिया जाता है।

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दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश में 15 महीने की कांग्रेस सरकार को गिरा कर अपने 22 विधायकों को लेकर बीजेपी का दामन थाम लिया था। जिसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि सिंधिया को बीजेपी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। और हुआ भी यही कि सिंधिया को बीजेपी के कोटे से राज्यसभा भेजकर उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया।

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