कांग्रेस सरकार ने खोया बहुमत, कमलनाथ को दे देना चाहिए इस्तीफा: सहस्रबुद्धे

Vinay Sahasrabuddhe

भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए। सहस्रबुद्धे ने कहा कि मुख्यमंत्री को भाजपा से सीखना चाहिए, जिसने अपने नेताओं को कर्नाटक और महाराष्ट्र में बहुमत हासिल करने में विफल रहने पर इस्तीफा देने को कहा था।

नयी दिल्ली। भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने रविवार को कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने बहुमत खो दिया है। भाजपा उपाध्यक्ष ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के पास विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है। सहस्रबुद्धे ने कहा कि मुख्यमंत्री को भाजपा से सीखना चाहिए, जिसने अपने नेताओं को कर्नाटक और महाराष्ट्र में बहुमत हासिल करने में विफल रहने पर इस्तीफा देने को कहा था। भाजपा के मध्य प्रदेश प्रभारी सहस्रबुद्धे ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं है और उसे भाजपा से सीखना चाहिए, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।’’

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कांग्रेस के इस आरोप पर कि भगवा पार्टी मध्य प्रदेश में उसकी सरकार को ‘‘अस्थिर’’ करने का प्रयास कर रही है, भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस अपना घर नहीं संभाल पा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के लिए भाजपा पर दोष लगाना आसान है लेकिन यह पार्टी अपना घर दुरूस्त रख पाने में असमर्थ है। और यह तब स्पष्ट हो जाता है, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के कद के नेता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के लिए विवश हो जाते है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की इसमें ‘‘कहां गलती’’ है।

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गौरतलब है कि सिंधिया के विश्वस्त 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य में कमलनाथ सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। सहस्रबुद्धे ने कांग्रेस के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि भाजपा उसके विधायकों को बेंगलुरु में जबरदस्ती रखे हुए है। उन्होंने कहा कि किसी भी वयस्क व्यक्ति को उसकी सहमति के बिना कहीं भी नहीं रखा जा सकता है। राज्य में भाजपा के सरकार बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘कमलनाथ सरकार का पटाक्षेप होने दीजिए, फिर हम राज्य के हित में जो भी आवश्यक होगा, करेंगे।’’ उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को शनिवार रात निर्देश दिया कि वह 16 मार्च को उनके (राज्यपाल) अभिभाषण के तुरन्त बाद विधानसभा में विश्वास मत हासिल करें।

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