Kartavyapath : गतिशक्ति से विकसित हो रहा नए भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर

किसी भी देश में विकास का अहम पहलू इंफ्रास्ट्रक्चर का होता है। खासतौर से अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्टर कनेक्टिविटी और अर्थव्यवस्था को गति देता है। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के आने के बाद बीते नौ वर्षों में कनेक्टिविटी का विस्तार हुआ है। नेशनल हाईवे के निर्माण का दैनिक औसत अब तक उच्चतम शिखर पर है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण तेज रफ्तार से हुआ है,जिससे दूरदराज के क्षेत्रों तक जाना अब सुलभ हुआ है। वहीं भारतीय रेलवे की बात की जाए तो उसकी क्षमता में भी विस्तार हुआ है। देशभर में हवाई अड्डों के निर्माण और संचालन में भी नया रिकॉर्ड कायम हुआ है। मेट्रो ट्रेनें सिर्फ महानगरों तक सीमित नहीं रह गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान देश के 27 शहरों में मेट्रो परियोजनाएं पहुंची है। देश में इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर बनी है। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना को लागू किया जो आज विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने में क्रांतिकारी पहल साबित हो रहा है। इस योजना की मदद से भारत की आर्थिक गतिविधि और प्रगति को नई गति मिलेगी। साथ ही ये करोड़ों नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा। केंद्र सरकार ने वर्ष 2024 तक भारत के सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को अमेरिका के समान करने का संकल्प लिया है, जिसके साकार करते हुए आज भारत में 63.73 लाख किमी सड़क नेटवर्क तैयार है। भारतमाला परियोजना में भारत का सबसे बड़ा 1386 किमी दिल्ली -मुंबई एक्सप्रेस विकसित किया जा रहा है। इसका दिल्ली-दौसा-लालसोट तक का हिस्सा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को समर्पित कर चुके हैं।
गति शक्ति
पीएम गतिशक्ति की शुरुआत अक्टूबर 2021 में हुई थी जिसमें मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक्स कुशलता में सुधार करने और देश में परिवहन के अलग माध्यमों को जोड़ने पर फोकस किया गया। परिवहन के माध्यमों को इस तरह एक दूसरे से जोड़ा जा रहा है कि वो दूसरे माध्यम को सपोर्ट करे.. इसके तहत हाईवे को रेलवे स्टेशनों से कनेक्ट किया जा रहा है, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट्स को कनेक्ट किया जा रहा है ताकि लोगों को ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने के दौरान सीमलेस कनेक्टिविटी मिले। वहीं पीएम गतिशक्ति के तहत 58 इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की सिफारिश की गई है।
एयरपोर्ट में हुआ सुधार
केंद्र सरकार ने विमानन क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार के लगातार कोशिश की है। क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना उड़े देश का आम नागरिक की शुरुआत 2016 में की गई जिसमें 74 हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 473 रूट चालू कर दिए गए हैं। लाखों भारतीयों को सस्ती हवाई यात्रा का विकल्प मिला है। उड़ान 5.0 शुरू हुआ है, जिसके नए संस्करण भविष्य में 1000 मार्गों और 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों के संचालन को साकार करेगा।
रेलवे
- अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारतीय रेल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे सिस्टम है। रेलवे को मजबूती देने के लिए रोज 14.4 किमी की औसत से ट्रैक बिछाए जा रहे हैं।
- पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्य 2014 तक विकास की दौड़ में पीछे थे क्योंकि कनेक्टिविटी की अनदेखी की गई थी। वर्ष 2014 के बाद कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्टर पर काम तेज हुआ है।
- अब 7 राज्यों की राजधानी रेल नेटवर्क से जुड़ चुकी हैं, आठवें राज्य सिक्किम में सिवोक-रंगपो 45 किलोमीटर लाइन पर काम तेज गति से चल रहा है।
- पूर्वोत्तर में तीन गुना तेजी से रेलवे लाइन बिछाई जा रही है और 10 गुना तेजी से लाइन का दोहरीकरण हो रहा है।
- वर्ष 2014 के पहले रेलवे लाइन का विद्युतीकरण 600 किमी सालाना होता था, 2023 में 6000 किमी सालाना हो रहा है।
स्वदेश निर्मित टेक्नोलॉजी
- 16वीं स्वदेशी सेमी-हाईस्पीड वंदेभारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई जा चुकी है। देश भर में कुल कुल 475 वंदे भारत ट्रेन उतारने का लक्ष्य है।
- ‘कवच’ नाम से अपनी स्वचलित गाड़ी सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली विकसित, 1455 किमी ट्रैक दायरे में आया, 3000 किमी पर काम जारी है।
जलमार्ग
- देश में जलमार्ग को भी विकसित किया जा रहा है जिसके तहत 100 जलमार्ग का निर्माण हो रहा है। गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के बीच जलमार्ग लिंक स्थापित किया गया है।
- देश की पहली कोच्चि वाटर मेट्रो राष्ट्र को समर्पित हुई है। बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक हाइब्रिड नौकाओं के जरिए कोच्चि के आसपास के 10 द्वीपों को कोच्चि से जोड़ने वाली यह अपनी तरह की अनूठी परियोजना है।
मेट्रो रेल
- भारत में पहली मेट्रो कोलकाता में 1984 में शुरू हुई थी लेकिन जिस गति से विस्तार होना था, वो नहीं हुआ।
- वर्ष 2014 तक हर महीने आधा किमी के आसपास मेट्रो लाइन बनाई जा रही थी। मगर वर्ष 2023 तक हर महीने लगभग 6 किमी मेट्रो लाइन बिछाई जा रही है।
- मेट्रो रेल का नेटवर्क 2014 में 248 किमी था जो 2023 में 815 किमी हुआ, यानी नौ वर्षों में 567 किमी नेटवर्क बढ़ा है।
- 1000 किमी नई मेट्रो लाइन पर देश में मेट्रो रेल, लाइट मेट्रो, नैनो मेट्रो के साथ तेजी से काम चल रहा है।
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