गरीबों के 'काम का अधिकार' छीना! CWC की बैठक में Kharge बोले- MGNREGA पर मोदी सरकार के खिलाफ लड़ेंगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर मनरेगा को खत्म करके करोड़ों गरीबों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह ग्रामीण रोजगार योजना यूपीए सरकार की दूरदर्शी पहल थी जिसे बिना अध्ययन व सलाह के तीन कृषि कानूनों की तरह निरस्त किया जा रहा है। खरगे ने मनरेगा को बचाने के लिए राष्ट्रव्यापी जनांदोलन चलाने का आह्वान किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) को निरस्त किए जाने के खिलाफ एक सशक्त राष्ट्रीय अभियान चलाने का आह्वान किया है। यह अधिनियम यूपीए सरकार का एक महत्वपूर्ण कानून था जो ग्रामीण रोजगार प्रदान करता था। खरगे ने इस स्थिति की तुलना सरकार की पिछली कार्रवाइयों से की, जैसे कि जनता के आक्रोश के बाद कृषि कानून निरस्त किए गए।
इसे भी पढ़ें: 'हिंदुस्तान को पाकिस्तान बनने से रोको, 3-4 बच्चे पैदा करें हिंदू', Navneet Rana का बयान, Congress और AIMIM ने किया पलटवार
खरगे ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक को संबोधित करते हुए बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की और कहा कि इससे पूरा भारत चिंतित है। खरगे ने कांग्रेस नेताओं से आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कमर कसने का आह्वान किया और यह भी कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की एक सोची समझी साजिश है तथा ऐसे में यह सुनिश्चित करना होगा कि कांग्रेस के मतदाताओं के नाम न काटे जाएं खरगे ने बैठक में कहा कि हम आज ऐसे मौके पर विचार और भविष्य की रणनीति बनाने के लिए एकत्र हुए हैं, जब देश में लोकतंत्र, संविधान और नागरिकों के अधिकारों पर चारों तरफ गंभीर संकट छाया है।’
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि हाल में संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर करोड़ों गरीबों और कमजोर तबके के लोगों को बेसहारा कर दिया है। गरीबों के पेट पर लात मारने के साथ उनकी पीठ में मोदी सरकार ने छुरा घोंपा है। मोदी सरकार ने काम के अधिकार पर सुनियोजित और क्रूर हमला किया है। खरगे ने कहा कि मोदी सरकार को गरीबों की चिंता नहीं, बल्कि चंद बड़े पूंजीपतियों के मुनाफ़े की ही चिंता है। उनका कहना था कि मनरेगा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का ऐसा दूरदर्शी कदम था, जिसे पूरे विश्व ने सराहा।
इसे भी पढ़ें: अहंकार की राजनीति और लचर नेतृत्व ने इंडिया गठबंधन को 2025 में बिखेर कर रख दिया
वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस योजना ने ग्रामीण भारत का चेहरा बदला। यह विश्व का सबसे बड़ा ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम बना। इससे पलायन रुका, गांवों को अकाल, भूख, और शोषण से मुक्ति मिली। इस योजना ने दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और भूमिहीन मज़दूरों को भरोसा दिया कि गरीबी से जंग में सरकार उनके साथ खड़ी है।’’ खरगे ने दावा किया कि मोदी सरकार ने बिना किसी अध्ययन या मूल्यांकन के, राज्यों से या राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा के बिना इसे खत्म करके नया कानून थोप दिया। उन्होंने कहा कि यह सारा काम तीन काले कृषि कानूनों जैसा किया गया।
अन्य न्यूज़












