Chapra Assembly seat: छपरा सीट से खेसारी लाल यादव की साख दांव पर, जनता किस पर जताएगी भरोसा

साल 2010 से बिहार की छपरा विधानसभा सीट लगातार भाजपा के खाते में रही है। साल 2020 में भाजपा के टिकट पर सीएन गुप्ता ने आरजेडी के उम्मीदवार को हराया था। लेकिन इस बार भाजपा ने छोटी कुमारी पर भरोसा जताया। वह बिहार की स्थानीय भाजपा नेता हैं। वहीं जनसुराज ने जय प्रकाश सिंह पर दांव खेला है।
इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में छपरा सीट पर सभी की निगाहें टिकी हैं। बिहार की 243 सीटों में छपरा सबसे हॉट सीटों में से एक है। वहीं भोजपुरी सिनेमा के फेमस गायक और अभिनेता खेसारी लाल यादव छपरा सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। खेसारी लाल यादव को राष्ट्रीय जनता दल ने अपना उम्मीदवार बनाया है। हालांकि पार्टी ने पहले खेसारी की पत्नी को टिकट दिया था, लेकिन बाद में खेसारी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। ऐसे में अब खेसारी लाल यादव का प्रयास भाजपा का किला ध्वस्त करने की होगी। लेकिन उनकी यह राह इतनी आसान नहीं होनी है।
साल 2010 से बिहार की छपरा विधानसभा सीट लगातार भाजपा के खाते में रही है। साल 2020 में भाजपा के टिकट पर सीएन गुप्ता ने आरजेडी के उम्मीदवार को हराया था। लेकिन इस बार भाजपा ने छोटी कुमारी पर भरोसा जताया। वह बिहार की स्थानीय भाजपा नेता हैं। वहीं जनसुराज ने जय प्रकाश सिंह पर दांव खेला है। छपरा सीट पर प्रथम चरण में यानी की 06 नवंबर 2025 को वोटिंग होनी है। वहीं वोटों की गिनती 14 नवंबर 2025 को होगी।
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10 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला
बता दें कि इस सीट पर कुल 10 उम्मीदवारों के बीच मुकालबा है। भाजपा, आरजेडी और जनसुराज के अलावा भारतीय लोक चेतना पार्टी, आजाद समाज पार्टी और भारतीय एकता दल ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा इस सीट से चार निर्दलीय भी मैदान में हैं। हालांकि असली मुकाबला आरजेडी और भाजपा के बीच है। लेकिन इस चुनाव में जनसुराज भी अपना प्रभाव डाल सकती है।
दांव पर खेसारी की साख
आरजेडी के उम्मीदवार के रूप में खेसारी लाल यादव यहां से बड़ा चेहरा हैं। इस बार इस सीट से खेसारी की साख दांव पर होगी। क्योंकि पिछले दो चुनाव इस सीट से भाजपा ने जीते हैं और रणनीति के तहत इस बार कैंडिडेट बदलकर स्थानीय नेता को टिकट दिया गया है। ऐसे में खेसारी की राह थोड़ी मुश्किल हो सकती है। साल 2015 और 2020 में यहां करीबी लड़ाई हुई थी। हालांकि दोनों मौकों पर भाजपा के सीएन गुप्ता और आरजेडी के रणधीर कुमार सिंह को शिकस्त की दी थी। ऐसे में खेसारी लाल यादव को उनकी लोकप्रियता का फायदा मिल सकता है और वह चुनाव में जीत हासिल कर सकते हैं।
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