फिदेल कास्त्रो को वाम दलों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी

क्यूबा के क्रांतिकारी नेता फिदेल कास्त्रो को आज वाम दलों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी और कहा कि वह भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन और भारत गहरे मित्र थे।

क्यूबा के क्रांतिकारी नेता फिदेल कास्त्रो को आज वाम दलों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी और कहा कि वह भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन और भारत गहरे मित्र थे। कास्त्रो को ‘‘प्रेरणा का स्रोत’’ बताते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि उन्होंने क्यूबा को एक बेहद पिछड़े देश से आगे बढ़ाकर आज इस मुकाम पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने एक बेहद पिछड़े देश रहे क्यूबा को आज इस मुकाम पर पहुंचाया। साक्षरता, चिकित्सा विज्ञान में विकास के मामले में क्यूबा दुनिया की उच्च दर वाला देश है, जहां अमेरिका भी अपने चिकित्सकों को प्रशिक्षण के लिए भेजता है। वह क्रांति और प्रेरणा का विशाल स्रोत है और हमेशा बना रहेगा।’’

उन्होंने एक ट्वीट संदेश में कहा, ‘‘एक युग का अंत। लेकिन फिदेल कास्त्रो जैसे क्रांतिकारी हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।’’ एक बयान में भाकपा ने कहा, ‘‘फिदेल कास्त्रो ने आधुनिक और समाजवादी क्यूबा के निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाई जो असाक्षरता, भूख और बीमारी से मुक्त है। कास्त्रो एक महान मार्क्‍सवादी चिंतक और एक महान क्रांतिकारी योद्धा थे।’’ पार्टी ने कहा, ‘‘वह भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन और भारत के महान मित्र थे। उन्होंने गुट निरपेक्ष आंदोलन को एक नया स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’ क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर ‘‘गहरा शोक’’ जताते हुए भाकपा ने कहा, ‘‘उनका निधन ना सिर्फ क्यूबा के लिए बल्कि पूरी दुनिया तथा सभी क्रांतिकारियों के लिए अपूरणीय क्षति है।’’ भाकपा माले के महासचिव दिपंकर भट्टाचार्य ने भी क्यूबाई नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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