वामदलों ने कम कर अदायगी पर मोदी को घेरा, आंकड़ों का अनादर करने का लगाया आरोप
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने सोशल मीडिया में इन आंकड़ों की सच्चाई पर उठ रहे सवालों का जिक्र करते हुये कहा कि मोदी हमेशा से ही आंकड़ों, तथ्यों और सच का अनादर करते रहे हैं। उनका मकसद सिर्फ गलत प्रचार करना है।
नयी दिल्ली। भारत में कर दायरे में कम लोगों, खासकर धनाड्य वर्ग के लोगों की कम संख्या के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुये वामदलों ने बृहस्पतिवार को मोदी पर आंकड़ों का अनादर करने का आरोप लगाया है। मोदी ने बुधवार को एक सम्मेलन में करदाताओं की कम संख्या का जिक्र करते हुये कहा था कि एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाले मात्र 2200 करदाता हैं।
Mr Modi’s complete disrepect for facts or data or the truth, shows up all the time. The only tricks they all have is spin and Goebbels-like propaganda https://t.co/nwtXAsNF3W
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) February 13, 2020
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने सोशल मीडिया में इन आंकड़ों की सच्चाई पर उठ रहे सवालों का जिक्र करते हुये कहा कि मोदी हमेशा से ही आंकड़ों, तथ्यों और सच का अनादर करते रहे हैं। उनका मकसद सिर्फ गलत प्रचार करना है। येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मोदी के मुताबिक प्रत्येक भारतीय चोर है, जबकि उनकी पार्टी (भाजपा) ने इलेक्ट्रोरल बॉंड के जरिये गुपचुप तरीके से करोड़ों रुपये जुटा लिये हैं।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा, ‘‘अगर कोई भी व्यक्ति कर अदा नहीं कर रहा है तो खुद मोदी पिछले छह साल से क्या कर रहे हैं? क्या उन्होंने नोटबंदी करते समय यह दावा नहीं किया था कि इससे कालेधन और करचोरी पर रोक लगेगी?’’
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उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश में कर अदायगी के दायरे में शामिल लोगों की संख्या बहुत कम होने का हवाला देते हुये एक कार्यक्रम में कहा था कि इससे ईमानदारी से कर अदा करने वालों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अनजान ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी ने गलत बयानी की हो, पहले भी वह कई बार गलत तथ्यों को बोल चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक मंच से गलत आंकड़ों का प्रयोग करना अनुचित है, इससे प्रधानमंत्री के पद की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।
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