लोकसभा अध्यक्ष ने ली कोटा-बूंदी के अधिकारियों की बैठक, बोले- सभी बाढ़ प्रभावितों को मुआवजा सुनिश्चित करें

बैठक में बिरला ने अधिकारियों से कहा कि पिछले सालों में जब भी ऐसी स्थिति आई तब सर्वे की खामियों के कारण कई लोग या तो मुआवजे से वंचित रह गए या उन्हें कम मुआवजा मिला। इस बार ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।
कोटा। पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि के बाद आई बाढ़ में प्रभावित हुआ एक भी व्यक्ति मुआवजे से वंचित नहीं रहना चाहिए। अधिकारी प्रत्येक गांव में सही सर्वे सुनिश्चित करें और सभी को उनके हक का मुआवजा दिलवाएं। यह बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कोटा और बूंदी के कलक्टर तथा जिले के अन्य अधिकारियों से कही।
स्पीकर बिरला ने शनिवार शाम लोक सभा कैंप कार्यालय में दोनों जिलों के अधिकारियों तथा गांव के सरपंच तथा अन्य जनप्रतिनिधि की बैठक बुलाई थी। बैठक में बिरला ने अधिकारियों से कहा कि पिछले सालों में जब भी ऐसी स्थिति आई तब सर्वे की खामियों के कारण कई लोग या तो मुआवजे से वंचित रह गए या उन्हें कम मुआवजा मिला। इस बार ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।
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दोनों जिलों के कलक्टर अपने-अपने क्षेत्र में सर्वे में लगे तहसीलदार, पटवारी और कानूनगो को निर्देशित करें कि सर्वे में गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। यदि एक भी पात्र व्यक्ति मुआवजे से वंचित रह जाता है तो यह सिस्टम की कमी होगी। कई जगहों से शिकायतें मिल रही हैं कि सर्वे सही नहीं हुआ है। सर्वे रिपोर्ट जमा करने से पहले उसकी सूची पंचायत, तहसीलदार और उपखंड मजिस्ट्रेट के कार्यालय में चस्पा की जाए ताकि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। इससे वंचित या सर्वे से असंतुष्ट व्यक्ति समय रहते अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकेगा।
बिरला ने दोनों कलक्टरों से कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार के स्तर आए निर्देशों की जमीनी स्तर पर पालना सुनिश्चित करें। निचले स्तर पर निर्देशों का एक्जीक्यूशन सही तरह से हो, यह देखना भी उनकी जिम्मेदारी है। यदि कोई इसमें लगातार लापरवाही बरत रहा है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सरपंचों की शिकायत के बाद स्पीकर बिरला ने अधिकारियों से फलदार वृक्षों को हुए नुकसान का सर्वे भी करवाया जाए।
लगातार बाढ़ तो गांव शिफ्ट करें
बैठक में स्पीकर बिरला ने अधिकारियों से कहा कि अनेक गांव ऐसे हैं जहां हर बार बाढ़ से नुकसान की स्थिति उत्पन्न हो रही है। अधिकारी इन गांवों में पानी आने का रास्ता देखकर बचाव के इंतजाम करें। यदि यह संभव नहीं है तो गांव को ही शिफ्ट करने की कार्ययोजना तैयार की जाए।
फसल बीमा के लिए किसानों की करें मदद
स्पीकर बिरला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फसल बीमा प्राप्त करने में भी किसानों की मदद करें। किसानों को बीमा कंपनी से मुआवजे प्राप्त करने की प्रक्रिया की जानकारी नहीं होती। वे समय पर बीमा कंपनी तक नुकसान की सूचना पहुंचाने में किसानों का मार्गदर्शन करें। इसके अलावा बीमा करवाते समय भी आवेदन में सही फसल अंकित करवाने के लिए भी किसानों को जागरूक करें।
खाद के साथ अटैचमेंट तो करें कार्रवाई
बैठक के दौरान सरपंचों ने खाद के साथ जबदन अटैचमेंट दिए जाने की भी शिकायत की। उन्होंने आने वाले समय में खाद की किल्लत होने की भी आशंका जताई। इस पर बिरला ने आश्वस्त किया कि वे कोटा-बूंदी सहित हाड़ौती में खाद की कमी नहीं आने देंगे। लेकिन यदि किसान को खाद के साथ जबरन अटैचमेंट दिया जाता है तो अधिकारी उस डीलर पर कड़ी कार्रवाई करें।
यह अधिकारी रहे उपस्थित
बैठक में कोटा कलक्टर ओपी बुनकर, बूंदी कलक्टर रविंद्र गोस्वामी, लोक सभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता, कोटा जिला परिषद सीईओ ममता तिवारी, बूंदी के अतिरिक्त जिला कलक्टर करतार सिंह कुर्री, कोटा के अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) सिटी बृजमोहन बैरवा सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।
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