Madhumita Shukla Murder Case | पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को जेल से रिहा करने के आदेश, मधुमिता हत्याकांड में मिली थी उम्रकैद
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मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की जल्द रिहाई के लिए उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग ने गुरुवार (24 अगस्त) को आदेश जारी किया।
मधुमिता शुक्ला हत्याकांड: मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की जल्द रिहाई के लिए उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग ने गुरुवार (24 अगस्त) को आदेश जारी किया। इस मामले में उत्तर प्रदेश की 2018 की छूट नीति और सुप्रीम कोर्ट (एससी) के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति शेष सजा में छूट के पात्र हैं यदि उन्होंने 16 साल की कैद पूरी कर ली है।
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जेल से रिहा होंगे मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी-
दोनों फिलहाल गोरखपुर जेल में बंद हैं। डीजी जेल एसएन साबत ने पुष्टि की कि सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद दंपति को जेल से रिहा कर दिया जाएगा। जेल विभाग के आदेश में उनकी बढ़ती उम्र - अमरमणि 66 साल और मधुमणि 61 साल और अच्छे व्यवहार का भी हवाला दिया गया है। इस बीच मधुमिता शुक्ला की बहन निधि ने इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और यूपी के राज्यपाल को पत्र लिखा है। अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी की समय पूर्व रिहाई को लेकर वह पहले ही सुप्रीम कोर्ट में केस दायर कर चुकी हैं।
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जानिए मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के बारे में:
पूर्व राज्य मंत्री और उनकी पत्नी मधुमणि को 2003 में डाकिन मधुमिता शुक्ला की हत्या की साजिश रचने और हत्या का दोषी ठहराया गया था। उन्हें 2007 में देहरादून अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जांच से पता चला कि त्रिपाठी और शुक्ला दोनों के बीच अवैध संबंध थे और इस दौरान कवयित्री ने उनके साथ एक बच्चे को जन्म दिया। पूर्व मंत्री ने उस पर बच्चा गिराने का दबाव डाला। 9 मई, 2003 को सात महीने की गर्भवती 24 वर्षीय मधुमिता की लखनऊ में उसके अपार्टमेंट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लखनऊ के पेपर मिल कॉलोनी में हुई इस रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना ने पूरे उत्तर प्रदेश और शेष भारत को झकझोर कर रख दिया।
कौन हैं अमरमणि त्रिपाठी? यूपी के पूर्व मंत्री के बारे में और जानें
उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर से राजनेता बने, वह 2002-03 में मायावती के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे। बाद में वह समाजवादी पार्टी (सपा) में चले गये। वह चार बार विधायक रहे और 2007 में सपा के टिकट पर जेल से विधानसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) से की और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। वह 1997 में कल्याण सिंह सरकार, 1999 में राम प्रकाश गुप्ता सरकार, 2000 में राजनाथ सिंह सरकार में भी मंत्री रहे।
Uttar Pradesh Prisons Administration department issued an order for the release of former UP minister Amarmani Tripathi and his wife Madhumani Tripathi, serving life terms in the Madhumita Shukla murder case.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 25, 2023
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