डेयरी क्रांति का महाकुंभ 'खाद्य खुराक', Maghanbhai Patel के विजन से बदलेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था

Maghanbhai Patel
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गांधीनगर में आयोजित 'खाद्य खुरक 2025' प्रदर्शनी में मगनभाई पटेल ने डेयरी और कृषि क्षेत्र में हो रहे अभूतपूर्व विकास का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को दिया, साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की भी सराहना की। प्रदर्शनी ने फूड प्रोसेसिंग और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में इनोवेशन, नेटवर्किंग और नए व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया, जिससे हजारों विजिटर्स और 650 से अधिक स्टॉल वाले व्यवसायों को लाभ हुआ।

हाल ही में गुजरात के गांधीनगर में 'खाद्य खुराक 2025' प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें डेयरी इंडस्ट्री से जुड़ी अहमदाबाद, गुजरात की जानी-मानी शाम इंडस्ट्रीजने हिस्सा लिया था,जिसमें कंपनी की एडवांस्ड टेक्नोलॉजीवाली डेयरी मशीनें रखी गईं थी, जिन्हें हज़ारों लोगोंने देखा और उनके बारे में दिलचस्प जानकारी प्राप्त की। इस चार दिवसीय प्रदर्शनी के तीसरे दिन अलग-अलग अवॉर्ड प्रोग्राम भी आयोजित किए गए, जिसमें ऑल इंडिया MSME फेडरेशन के अध्यक्ष मगनभाई पटेल चीफ गेस्ट के तौर पर मौजूद थे और उन्हें अतिथि विशेष अवॉर्ड से सम्मानित किया गया साथ ही साथ साथ उनके हाथों से अलग-अलग अवॉर्ड भी दिए गए।

इस अवसर पर जतिन ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज के डिरेक्टर और मगनभाई पटेल के बेटे जतिनभाई पटेल भी अपने परिवार के साथ मौजूद थे और एग्ज़िबिशन ऑर्गनाइज़र्स ने उनका बड़े जोश से स्वागत किया। यहां बताना ज़रूरी है कि जतिनभाई पटेल, जिनके पास अमेरिकन नागरिकता होने के बावजूद वर्ष 1994 से भारत में अपने पिता मगनभाई पटेल के साथ सेवाकार्यों में लगे हुए हैं। मगनभाई पटेल की पोती रियाबेन गराला, जिन्होंने भारत से बैचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी (BDS) करने के बाद अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ फेशियल एस्थेटिक्स (USA) से फेशियल एस्थेटिक्स में फेलोशिप हासिल की, बोस्टन यूनिवर्सिटी (USA) से मैनेजमेंट में मास्टर ऑफ़ साइंस की डिग्री हासिल की और अभी भारत की एक जानी-मानी कंपनी में मार्केटिंग मैनेजमेंट का काम संभाल रही हैं, वे भी इस प्रोग्राम में मौजूद थीं और उन्होंने मगनभाई पटेल का एक इंटरव्यू भी लिया है।

यहां बताना ज़रूरी है कि जतिन ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज, शाम इंडस्ट्रीज और फ्लोस्टर इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन मगनभाई पटेल, देश के डेयरी सेक्टर को और मज़बूत करने के लिए, बिना किसी सरकारी मदद के, 84 साल की उम्र में भी अपने खर्चे पर डेयरी इंडस्ट्री की मशीनरी शुरू करनेवाले पहले भारतीय हैं। जिसमें उन्होंने विक्रम यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर, टेक्नीशियन और इंडियन डेयरी एसोसिएशन (IDA) के अधिकारियों से चर्चा और रिसर्च करके देश की डेयरी इंडस्ट्री को विश्व फलक पर ले जाने का जो संकल्प लिया है वह वाकही बहुत काबिले तारीफ है।

इससे देश की महिलाओं को रोज़गार मिलेगा, जिन्होंने डेयरी इंडस्ट्री की नींव रखने में अहम योगदान दिया है, और बेशक ग्रामीण इलाकों के विकास में भी योगदान रहेगा। अभी गांव से शहरों में रोजगार के लिए लोगों का जो माइग्रेशन हो रहा है, उसमें भी सुधार होगा, जिससे बेशक गांव के इलाकों में बड़ी मात्रा में रोजगार पैदा होगा। इसके लिए मगनभाई पटेलने भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री राजीव रंजन सिंहजी को डेयरी सेक्टर के विकास के लिए सुझाव दिए थे,जिसके बाद कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव डॉ.एम.एल.जाट साहब से सकारात्मक प्रत्युत्तर मिला है, जिसके लिए हम उनके आभारी हैं।

इस अवसर पर मीडिया को एक इंटरव्यू देते हुए मगनभाई पटेलने कहा कि आज हमारे देश में डेयरी और एग्रीकल्चर इंडस्ट्री मे जिस तरह से विकास हो रहा  है,वह पूरी तरह से हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी साहेब और उनकी टीम को आभारी है साथ ही साथै हमारे माननीय केंद्रीय गृह और सहकारीता   मंत्री अमितभाई शाह साहेब, जो आज देश में एक लोह पुरुष की तरह काम कर रहे हैं,उनकी वजह से यह सेक्टर बहुत ही प्रगतिशील हुआ है, जिसमें कोई संदेह नहीं है।आज हमारे देश का 25 करोड़ से ज़्यादा आबादीवाला राज्य उत्तर प्रदेश इस सेक्टर में जिस तरह तरक्की कर रहा है, उसका श्रेय आदरणीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी को जाता है।आज UP के लोग देश के अलग-अलग राज्यों में बसे हुए हैं, वहीं उत्तर प्रदेश की डेयरी और एग्रीकल्चर सेक्टर को प्राथमिकता देकर इन लोगों को अपने राज्य में ही रोज़गार देने और बसाने की कोशिशें बहुत काबिले तारीफ़ हैं। इसी तरह बिहार और दूसरे राज्य भी आज इस सेक्टर में गांव के लोगों के लिए रोज़गार पैदा कर रहे हैं।'श्वेत क्रांति' के प्रणेता डॉ. वर्गीस कुरियनने दुनिया के सबसे बड़े ग्रामीण विकास प्रोग्राम में से एक, 'ऑपरेशन फ्लड' की नींव रखी, जिससे भारत दूध की कमी वाले देश से दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पाद देश बन गया और ऐसा इतिहास रचा जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता और इसी कारण आज देश में डेयरी सेक्टर से क्वालिफाइड इंजीनियर, टेक्नीशियन और अनुभवी लोगों की एक बड़ी फौज तैयार हुई है।

मगनभाई पटेलने आगे कहा कि डेयरी और फूड किसानों की इकॉनमी और लोगों की हेल्थ के लिए एक रिजल्ट देनेवाला सेक्टर है, जिस पर देश और दुनिया की ज़िंदगी निर्भर करती है। भारत में डेयरी इंडस्ट्री के मैनेजमेंट में महिला शक्ति अहम भूमिका निभा रही है। दुनिया के दूसरे देशों में डेयरी इंडस्ट्री में महिलाएं शामिल नहीं हैं, यह सिर्फ भारत में ही देखने को मिलता है। हमारे देश में डेयरी इंडस्ट्री में 70 प्रतिशत से ज़्यादा भागीदारी महिलाओं की है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति बदलने में डेयरी सेक्टर का खास महत्व है। इन महिलाओं को एजुकेशन, ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट के मौके देने की ज़रूरत है और डेयरी सेक्टर में महिलाओं को एंटरप्रेन्योर बनाने के लिए आसान लोन और मार्केट की सुविधा देने की भी आवश्यकता है।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फ़ूड प्रोड्यूसर है और फ़ूड और एग्रीकल्चर सेक्टर में नंबर वन बनने का पोटेंशियल रखता है। अगले दस सालों में भारत में कुल फ़ूड प्रोडक्शन दोगुना होने की उम्मीद है। फल और सब्ज़ियाँ, दूध और दूध के प्रोडक्ट, पैकेज्ड/कन्वीनियंस फ़ूड और अनाज फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के ज़रूरी सब-सेक्टर हैं। वर्ष 2000 की शुरुआत में इंडियन फ़ूड इंडस्ट्रीज़ का टर्नओवर करीब रु.1,40,000 करोड़ सालाना था और आज यह कई गुना बढ़ गया है। भारत में फ़ूड-प्रोसेसिंग सेक्टर में लगभग 40,000 यूनिट्स है तब 'खाद्य खुराक' का आयोजन नई डील्स पाने और मार्केट में नई पहुँच बढ़ाने की एक जगह है। इस एग्ज़िबिशन में हिस्सा लेने से इंडस्ट्री में ब्रांड की विज़िबिलिटी और एक्सपोज़र बढ़ता है। यह एक्सपर्टीज़ दिखाने, ब्रांड रेप्युटेशन बनाने और कॉम्पिटिटर्स के बीच अलग दिखने का मौका है। यह एग्ज़िबिशन नए प्रोडक्ट्स और सर्विसेज़ लॉन्च करने के लिए एक आइडियल प्लेटफ़ॉर्म है जो एंटरप्रेन्योर्स को एक ही जगह से हज़ारों लोगों तक पहुँचने में मदद करता है।

मगनभाई पटेलने आगे कहा कि खाद्य खुरक एंटरप्रेन्योर्स, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और इनोवेटर्स को एक साथ लाता है, और बेमिसाल नेटवर्किंग के मौके देता है, जहाँ एग्जिबिटर्स पोटेंशियल कस्टमर्स और सप्लायर्स से जुड़ सकते हैं, जिससे नए बिज़नेस रिलेशनशिप्स और पार्टनरशिप्स को बढ़ावा मिलता है। यहाँ एग्ज़िबिटर्स को मार्केट ट्रेंड्स, कंज्यूमर की पसंद और नई टेक्नोलॉजी के बारे में कीमती जानकारी मिलती है। यह जानकारी बिज़नेस स्ट्रेटेजी और प्रोडक्ट डेवलपमेंट में मदद कर सकती है। एग्ज़िबिटर्स को मार्केट ट्रेंड्स, कंज्यूमर की पसंद और नई टेक्नोलॉजी के बारे में कीमती जानकारी मिलती है। तेज़ी से बदलते मार्केट में आगे रहने के साथ-साथ, एग्ज़िबिटर्स लेटेस्ट इंडस्ट्री ट्रेंड्स, टेक्नोलॉजी और बेस्ट प्रैक्टिस के बारे में जानने और लेटेस्ट इंडस्ट्री डेवलपमेंट के बारे में जानकारी पाने और अपने इंडस्ट्री बिज़नेस को बढ़ाने के लिए अलग-अलग सेमिनार और वर्कशॉप में भी शामिल हो सकते हैं। फ़ूड और बेवरेज एग्ज़िबिशन बिज़नेस को कम्युनिटी से जुड़ने और सोशल और इकोनॉमिक डेवलपमेंट के लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाते हुए फ़ूड और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की ग्रोथ में योगदान देने का मौका भी देती हैं।

जतिन ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज़ में प्रकाशभाई व्यास जिनके पास डेयरी टेक्नोलॉजी में BSC की डिग्री है और उन्हें मधर डेयरी, दिल्ली, राजस्थान डेयरी फेडरेशन और हैवमोर आइसक्रीम में प्रोडक्शन मैनेजर के तौर पर काम करने का अनुभव है। उन्होंने साउथ अफ्रीका जाकर नेचरल आइसक्रीम प्राइवेट लिमिटेड का आइसक्रीम प्लांट शुरू किया और इंडिया लौटकर 'डेयरी फ्रेंड' नाम की एक कंपनी शुरू की, जिसमें वे सभी डेयरी मशीनरी बना रहे हैं और अभी वे  मगनभाई पटेल के साथ शाम इंडस्ट्रीज से जुड़े हैं और दुनिया की पहली कंटीन्यूअस बासुंदी मशीन बनाई और इस प्रदर्शनी में रखी जिसे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला और कई लोगों ने इस मशीन को खरीदने की इच्छा जताई, जिसे हम पेटेंट मिलने के बाद मार्केट में लॉन्च करने की हमारी योजना है। इसी तरह, हमारे साथ डेयरी सेक्टर के अनुभवी प्रोफेशनल राकेशभाई भेसदरिया भी जुड़े हैं, जो एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं और उन्हें नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड, साउथ और कर्नाटक मिल्क फेडरेशन की ब्रांड 'नंदिनी मिल्क', केरल मिल्क फेडरेशन की ब्रांड 'मिलमा' और तमिलनाडु मिल्क फेडरेशन के ब्रांड 'आविन' के साथ काम करने का 15 साल का अनुभव है। वे दही, पनीर जैसे जल्दी खराब होने वाले दूध के प्रोडक्ट्स में भी सुधारलाने में सफल रहे हैं और अभी जतिन ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज में डेयरी प्रोसेस टेक्नोलॉजिस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं।

खाद्य खुराक की शुरुआत साल 2000 में प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़े प्रकाश मेहताने की थी, जिसका मकसद फूड और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों में ज़रूरी अवेयरनेस फैलाना था। साल 2006 में इस ग्रुप ने 'खुराक' नाम की एक हिंदी मैगज़ीन पब्लिश की और पूरे भारत में रीडर्स तक पहुँचने में कामयाब रहे। यह मैगज़ीन बहुत जल्दी पॉपुलर हुई और इसे नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के इंडस्ट्रियलिस्ट्स से भी अच्छा रिस्पॉन्स मिला। खाद्य खुराक एग्ज़िबिशन F&B इंडस्ट्री में मौजूदा ट्रेंड्स को पूरा करके पिछले कुछ सालों में कई गुना बढ़ी है और इसने कई बिज़नेस को बढ़ने में मदद की है। सात सफल एग्ज़िबिशन के बाद, साल 2010 में हिमाचल मेहताने USA, कनाडा, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में बसे फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के भारतीय इंडस्ट्रियलिस्ट्स को जानकारी देने के लिए इंग्लिश मैगज़ीन 'फूड इन टोटो' लॉन्च की। साल 2019 में इंडियन फूड इंडस्ट्री और हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी के डिजिटल इंडिया की ताकत को दिखाने के अपने विज़न को जारी रखते हुए हिमाचल मेहताने 'फूड ऑफ इंडिया' इनिशिएटिव लॉन्च किया। यह फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज़ को सपोर्ट करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है। यह ग्रुप हर साल गुजरात के गांधीनगर में एक सालाना एक बार एग्ज़िबिशन ऑर्गनाइज़ करता है, जहाँ पार्टिसिपेंट्स और अटेंडीज़ बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं ताकि देश में फ़ूड और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के बढ़ते स्कोप को समझ सकें।

इस प्रदर्शनी में देश भर से फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियों के 650 से ज़्यादा स्टॉल लगे थे, जबकि 1 लाख से ज़्यादा विज़िटर्स ने इस एग्ज़िबिशन का दौरा किया था । इस एग्ज़िबिशन में फ़ूड प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्रीज़ में इनोवेशन दिखाए गए। इस चार दिन की एग्ज़िबिशन के दौरान, ब्रांड/प्रोडक्ट लॉन्च, डेयरी और आइसक्रीम कॉन्फ्रेंस, महिलाओं के लिए नारी रत्न अवॉर्ड के साथ ग्लैम फ़ूड शो और ग्रैंड मास्टर केक कॉम्पिटिशन भी ऑर्गनाइज़ किए गए थे । इसके साथ इस एग्ज़िबिशन में फ़ूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी में इनोवेशन, आइसक्रीम इंडस्ट्री, फ़ूड पैकेजिंग सॉल्यूशंस में एडवांसमेंट, हॉस्पिटैलिटी और केटरिंग सर्विसीस में ट्रेंड्स, सोशल मीडिया मार्केटिंग जैसे अलग-अलग टॉपिक्स पर 20 से ज़्यादा सेमिनार भी ऑर्गनाइज़ किए गए थे।

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