महाराष्ट्र सरकार कोविड-19 महामारी की भयावहता को दबा रही है : देवेंद्र फड़णवीस

Maharashtra government

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार कोविड-19 महामारी की भयावहता को दबा रही है।उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि संकट के समय में भी, सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों के बीच न तो तालमेल है, ना ही राज्य सरकार के मंत्रियों के बीच किसी तरह का सामंजस्य है...और लोग इसकी भारी कीमत चुका रहे हैं।’’

नयी दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 महामारी की भयावहता को दबा रही है और जिन संदिग्ध मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, उनकी जांच कराने से मना कर रही है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि राज्य में ‘शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस’ गठबंधन सरकार इस संकट की स्थिति से सही तरीके से नहीं निपट रही है, जिसकी प्रदेश के लोग भारी कीमत चुका रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि संकट के समय में भी, सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों के बीच न तो तालमेल है, ना ही राज्य सरकार के मंत्रियों के बीच किसी तरह का सामंजस्य है...और लोग इसकी भारी कीमत चुका रहे हैं।’’

इसे भी पढ़ें: कोविड-19 जांच किट सस्ते दामों पर उपलब्ध कराई जाएं: अदालत

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार राज्य में कोविड-19 के पॉजिटिव मामलों की संख्या दबा रही है और उसने कोविड-19 के जिन संदिग्ध मरीजों में संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, उनकी जांच रोक दी है।’’ उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ कर साढ़े सात हजार के आंकड़े को पार कर गये हैं, जबकि देश में अब तक सर्वाधिक मौतें भी इसी राज्य में हुई हैं। राज्य में कोविड-19 से अब तक करीब सवा तीन सौ लोगों की मौत हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस संकट की वास्तविक तस्वीर नहीं बता रही है और उन्होंने मालेगांव के एक कब्रिस्तान का जिक्र किया।

इसे भी पढ़ें: धार्मिक भावनाएं भड़काने के उद्देश्य से व्हाट्सएप पर ऑडियो भेजने वाला शख्स गिरफ्तार

पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मालेगांव में दफनाये गये लोगों की संख्या पिछले साल की तुलना में पिछले दो महीनों में करीब दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि करीब 485 शवों को इस साल मार्च और अप्रैल में दफन किया गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या सिर्फ 251 थी। उन्होंने कहा, ‘‘ देश में महाराष्ट्र में सर्वाधिक संख्या में मामले सामने आने के बावजूद ये सभी चीजें राज्य में कोविड-19 संकट की वास्तविक तस्वीर को छिपाने के लिये की जा रही हैं।’’ मुंबई के धारावी में संक्रमण के व्यापक रूप से फैलने का पर्याप्त सबूत होने का जिक्र करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि वहां 200 मरीज हैं और करीब 2, 000 लोग ऐसे हैं जो उनके सीधे संपर्क में आये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार इन लोगों की जांच नहीं करा रही है और इलाके में लोगों की जान को खतरे में डाल रही है।’’

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक कार्यक्रमों पर 30 जून तक लॉकडाउन

फड़णवीस ने राज्य में फंसे कामगारों और दिहाड़ी मजदूरों की दशा के बारे में बात करते हुए कहा कि उनमें गुस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों की सुध लेने में नाकाम रही है। नतीजतन, उनके बीच रोष छा रहा है।’’ भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार बड़ी संख्या में राशन कार्ड धारकों को राशन की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं कर पा रही है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राज्य सरकार ने तीन करोड़ लाभार्थियों को मार्च-अप्रैल, दो महीनों का राशन मुहैया नहीं कराया है।’’ हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हम सरकार का सहयोग करने की कोशिश कर रहे हैं और उसके द्वारा उठाये गये कदमों का पूरी तरह से समर्थन करते हें लेकिन वे (राज्य सरकार) गुमराह हैं। इसलिए हम उपयुक्त उपायों का सुझाव देने के लिये मजबूर हैं।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन में छूट दिये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे क्षेत्र के बाहर ढील दिये जाने की गुंजाइश है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़