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केंद्र सरकार को ममता बनर्जी की चेतावनी, कहा- अगर नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो...
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- दिसंबर 3, 2020 16:58
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भारत सरकार हर चीज बेच रही है। आप रेलवे, एयर इंडिया, कोयला, बीएसएनएल, बीएचईएल, बैंक, रक्षा इत्यादि को नहीं बेच सकते। गलत नीयत से लाई गई विनिवेश और निजीकरण की नीति वापस लीजिए। हम अपने राष्ट्र के खजाने को भाजपा की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं बनने देंगे।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि “किसान विरोधी” नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो वह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगी। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए सिलसेवार ट्वीट किये। उन्होंने ट्वीट किया, “मैं किसानों, उनके जीवन और उनकी आजीविका के बारे में बहुत चिंतित हूं। भारत सरकार को किसान विरोधी कानून वापस लेना चाहिए। यदि वह तत्काल ऐसा नहीं करते हैं तो हम राज्य और देश भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे। शुरुआत से ही हम इन किसान विरोधी विधेयकों का विरोध कर रहे हैं।”
बनर्जी ने कहा, “हमने शुक्रवार, चार दिसंबर को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की एक बैठक बुलाई है। हम इस पर चर्चा करेंगे कि आवश्यक वस्तु अधिनियम से आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है और इससे महंगाई कितनी बढ़ रही है। केंद्र सरकार को इस जनविरोधी कानून को वापस लेना चाहिए।” उन्होंने कहा, “भारत सरकार हर चीज बेच रही है। आप रेलवे, एयर इंडिया, कोयला, बीएसएनएल, बीएचईएल, बैंक, रक्षा इत्यादि को नहीं बेच सकते। गलत नीयत से लाई गई विनिवेश और निजीकरण की नीति वापस लीजिए। हम अपने राष्ट्र के खजाने को भाजपा की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं बनने देंगे।I am very much concerned about the farmers, their lives and livelihood. GOI must withdraw the anti-farmer bills. If they do not do so immediately we will agitate throughout the state and the country. From the very start, we have been strongly opposing these anti-farmer bills.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 3, 2020
बजट सत्र से पहले विपक्ष ने दिखाए सख्त तेवर, राष्ट्रपति के भाषण का करेंगे बहिष्कार
- अंकित सिंह
- जनवरी 28, 2021 14:39
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कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ है। उनकी मांग है कि सरकार तत्काल इन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करें।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि राष्ट्रपति के संसद की संयुक्त बैठक के संबोधन का 16 विपक्षी दल किसानों के मुद्दे को लेकर बहिष्कार करेंगे। विपक्षी दलों ने गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा के मामले में केंद्र की भूमिका की जांच की मांग की। आजाद ने कहा कि इस फैसले के पीछे प्रमुख कारण यह है कि विधेयकों (फार्म कानून) को विपक्ष के बिना, सदन में जबरन पारित किया गया।
आपको बता दें कि कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ है। उनकी मांग है कि सरकार तत्काल इन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करें। गौरतलब है कि इन तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान लगभग 60 दिनों से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।We're issuing a statement from 16 political parties that we're boycotting President's Address that will be delivered at Parliament tomorrow. The major reason behind this decision is that the Bills (Farm Laws) were passed forcibly in House, without Opposition: GN Azad, Congress pic.twitter.com/9uhtfLKh67
— ANI (@ANI) January 28, 2021
दिल्ली हिंसा को केजरीवाल ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, छह राज्यों में चुनाव लड़ने का भी किया ऐलान
- अंकित सिंह
- जनवरी 28, 2021 13:58
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आम आदमी पार्टी की 9वीं राष्ट्रीय परिषद को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मनीष सिसोदिया को चुनौती दी कि आए और हमारे साथ बहस करे। जब मनीष जी पहुंचे तो वो भाग खड़े हुए।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगले 2 साल में उनकी पार्टी 6 राज्यों में विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। यह छह राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, और गुजरात हैं। आम आदमी पार्टी की 9वीं राष्ट्रीय परिषद को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मनीष सिसोदिया को चुनौती दी कि आए और हमारे साथ बहस करे। जब मनीष जी पहुंचे तो वो भाग खड़े हुए। इन्होंने काम किया ही नहीं। जब मनीष जी स्कूल देखने के लिए गए तो पुलिस ने उन्हें वही रोक लिया। इससे पता चलता है कि स्कूल की ज़्यादा हलत खराब है, जिस स्कूल को उन्हें दिखाने में डर लग रहा वहां हमारे करोड़ो बच्चे पढ़ रहे हैं।
दिल्ली हिंसा पर बोलते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 26 जनवरी को जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था। उसके असली गुनहगारों को सज़ा होनी चाहिए। फ़र्ज़ी केस पर केस नही होने चाहिए। किसानों के मुद्दे अभी खत्म नहीं हुए है, किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। हम सब को किसानों का साथ देना हैं। आज देश का किसान बहुत दुखी है। 70 साल से सभी राजनीतिक पार्टियों ने किसानों को धोखा दिया है। अब ये जो 3 बिल आए है, ये तीनों बिल किसानों से खेती छीन कर चंद पूंजीपतियों को सौंप देंगे।26 जनवरी को जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था। उसके असली गुनहगारों को सज़ा होनी चाहिए। फ़र्ज़ी केस पर केस नही होने चाहिए।
किसानों के मुद्दे अभी खत्म नहीं हुए है, किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। हम सब को किसानों का साथ देना हैं। : @ArvindKejriwal pic.twitter.com/u2wQ31uTvU— AAP (@AamAadmiParty) January 28, 2021
किसान आंदोलन के खिलाफ उतरे गांव वाले, सिंघु बॉर्डर खाली करने को कहा
- अभिनय आकाश
- जनवरी 28, 2021 13:56
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सिंघु बॉर्डर पर गांव वालों ने नारेबाजी की है। इसके साथ ही गांव वालों ने हाइवे को खाली करते की मांग की है। लाल किले में झंडा फराने जाने कि वजह से गांव वालों में बेहद नाराजगी देखने को मिली है।
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसक वारदात के बाद लोगों में भी इलका रोष दिखाई दे रहा है। बीते दिनों दिल्ली-जयपुर पर बैठे किसानों को स्थानीय लोगों ने अल्टीमेटल दिया। अब सिंघु बॉर्डर पर भी किसानों को लेकर रोष दिखाई देने लगा है। खबरों के अनुसार सिंघु बॉर्डर पर गांव वालों ने नारेबाजी की है। इसके साथ ही गांव वालों ने हाइवे को खाली करते की मांग की है। लाल किले में झंडा फराने जाने कि वजह से गांव वालों में बेहद नाराजगी देखने को मिली है। गांव वालों का कहना है कि लाल किले पर जिस तरह से तिरंगे का अपमान हुआ है उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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गौरतलब है कि दिल्ली में रिपब्लिक डे के दिन जगह-जगह हुई हिंसक वारदात और लाल किले पर निशान साहेब का झंडा फहराए जाने के बाद जगह-जगह लोगों में गुस्सा है। इससे पहले दिल्ली-जयपुर हाइवे पर मसानी बैराज के पास बैठे किसानों को स्थानीय लोगों के भारी विरोध के बाद वापस लौटना पड़ा था। दिल्ली में हुई घटना से स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा था और ग्रामीणों ने पंचायत कर प्रदर्शनकारियों को अल्टीमेटम दिया था।

