ममता बनर्जी ने भाषा आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि दी
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर आज, 1952 के भाषा आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी भाषाओं का दर्जा बराबर का होता है।
कोलकाता। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर आज, वर्ष 1952 के भाषा आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सभी भाषाओं का दर्जा बराबर का होता है और अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए मातृभाषा का प्रयोग करना चाहिए। बनर्जी ने आज सुबह एक ट्वीट किया, ‘‘सभी भाषाएं बराबर होती हैं। विचारों की अभिव्यक्ति मातृभाषा में की जानी चाहिए।’’
इसमें उन्होंने आगे लिखा, ‘‘मैं 21 फरवरी को कैसे भूल सकती हूं जिस पर मेरे भाई के खून के छींटे पड़े हैं। मैं भाषा आंदोलन, 1952 के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर सभी को तहेदिल से मेरी शुभकामनाएं।’’ ढाका विश्वविद्यालय, जगन्नाथ कॉलेज और ढाका मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने 21 फरवरी, 1952 को बांग्ला को पूर्वी पाकिस्तान की दो राष्ट्रीय भाषाओं में से एक का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। यह इलाका तब पाकिस्तान की सरकार के तहत आता था और वर्तमान में यह स्थान बांग्लादेश में ढाका उच्च न्यायालय के निकट है। तब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की बर्बरतापूर्वक गोली मार दी थी।
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