मायावती ने मुख्तार अंसारी का टिकट काटा, AIMIM ने कहा- हम देंगे टिकट

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उधर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने से कहा, अगर मुख्तार अंसारी उनकी पार्टी से संपर्क करेंगे तो वह उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देगी और चुनाव जिता कर भी लायेगी क्योंकि अदालत ने उन्हें अब तक अपराधी नही माना हैं।

लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को घोषणा की कि जेल में बंद मुख्तार अंसारी को आगामी विधानसभा चुनाव में मऊ से पार्टी का प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा। इससे कुछ दिनों पहले ही उन्होंने कहा था कि अब वह मूर्तियों और स्मारकों के निर्माण का प्रयास नहीं करेंगी, बल्कि कानून का शासन स्थापित करके उत्तर प्रदेश का चेहरा बदलने पर ध्यान केंद्रित करेंगी। उधर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने से कहा, अगर मुख्तार अंसारी उनकी पार्टी से संपर्क करेंगे तो वह उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देगी और चुनाव जिता कर भी लायेगी क्योंकि अदालत ने उन्हें अब तक अपराधी नही माना हैं।

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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को कहा कि बसपा अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में ‘बाहुबली’ अथवा माफिया आदि को उम्मीदवार नहीं बनाने के प्रयास करेगी और इसी के साथ उन्होंनेविभिन्न आपराधिक मामलों में जेल में बंद मुख्तार अंसारी को मऊ से दोबारा पार्टी का टिकट नहीं देने की घोषणा की। मायावती ने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर मऊ सीट से चुनाव लड़ेंगे। अंसारी मऊ से पांच बार के विधायक हैं, अप्रैल में उन्हें उच्च पुलिस सुरक्षा में पंजाब की रोपड़ जेल से वापस उत्तर प्रदेश लाया गया और इस समय वह बांदा की जेल में बंद हैं। बसपा प्रमुख ने यह घोषणा मुख्तार के भाई सिगबतुल्लाह अंसारी के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के कुछ दिन बाद की है। मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट किया,‘‘ बसपा का अगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली व माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए। इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मण्डल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर का नाम तय किया गया है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘जनता की कसौटी व उसकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के तहत लिए गए इस निर्णय के फलस्वरूप पार्टी प्रभारियों से अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने में कोई भी दिक्कत न हो।’’ मायावती ने कहा, ‘‘बसपा का संकल्प ‘कानून द्वारा कानून का राज’ के साथ राज्य की तस्वीर बदलने का है ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ जैसी।’’ मुख्तार अंसारी का बसपा से टिकट कटने की घोषणा के बाद शौकत अली ने ‘भाषा’ से की गई बातचीत में कहा, अगर मुख्तार अंसारी उनकी पार्टी से संपर्क करेंगे तो वह उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देंगे और चुनाव जिता कर भी लायेंगे, क्योंकि अभी उन्हें अदालत ने अपराधी नहीं माना हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बसपा अध्यक्ष मायावती को अब मुख्तार अंसारी अपराधी लग रहा है, जब 2017 में अंसारी को बसपा ने टिकट दिया था तो क्या उन पर मुकदमे नहीं थे? अगर तब मुकदमे के बावजूद मुख्तार को टिकट दिया गया तो आखिर इस बार क्यों नहीं?’’ अली ने कहा,‘‘ अभी मुख्तार अंसारी पर दर्ज मुकदमों में अपराध सिद्ध नहीं हुआ हैं, इसलये अगर वह एआईएमआईएम से आागामी विधानसभा चुनाव में टिकट मांगेंगे तो पार्टी उन्हें टिकट देगी। उनकी पसंद की सीट से टिकट दिया जाएगा। अगर उन्होंने मऊ से टिकट मांगा तो वहां से टिकट दिया जायेगा और चुनाव जिता कर हम लायेंगे। ’’

इससे पहले मायावती ने मंगलवार को कहा था कि अगले वर्ष की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीतकर सत्ता में आने के बाद पार्कों एवं स्मारकों का निर्माण न कराकर राज्य के विकास पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि वह उत्तर प्रदेश की तस्‍वीर बदल देंगी। पार्टी मुख्यालय में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था,‘‘2022 में उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने पर वह विकास और कानून का राज स्थापित कर उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने पर ध्यान देंगी।’’ उन्होंने राज्य की कानून-व्‍यवस्‍था पर प्रहार करते हुए कहा था, हमारी बहनें वर्तमान भाजपा सरकार और पिछली सपा सरकार दोनों में सूर्यास्त के बाद घर से बाहर नहीं जा सकतीं, भले ही वे कोई दावा करें या इसे साबित करने के लिए कोई हथकंडा अपनाएं। मुख्तार के दूसरे भाई अफजल अंसारी गाजीपुर सीट से बसपा सांसद हैं और उन्होंने भाजपा के मनोज सिन्हा को चुनाव में हराया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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