शिमला विकास योजना के अंतिम प्रारूप पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित

Suresh Bhardwaj

उन्होंने कहा कि शहर के लोगों को राहत प्रदान करने तथा विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए जी.आई.एस. आधारित विकास योजना कार्यान्वित की जाएगी। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि बैठक में शिमला योजना क्षेत्र की विकास योजना के प्रारूप पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई और इससे सम्बंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई

 शिमला   शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज यहां शिमला विकास योजना के अंतिम प्रारूप पर चर्चा के लिए आयोजित नगर नियोजन विभाग की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि 40 वर्षों के पश्चात शिमला विकास योजना का निर्माण किया जा रहा है जो अपने आप में ऐतिहासिक है।

उन्होंने कहा कि शहर के लोगों को राहत प्रदान करने तथा विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए जी.आई.एस. आधारित विकास योजना कार्यान्वित की जाएगी। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि बैठक में शिमला योजना क्षेत्र की विकास योजना के प्रारूप पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई और इससे सम्बंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में प्रतिभागियों को विकास योजना के प्रारूप की विभिन्न विशेषताओं और प्रावधानों के बारे अवगत करवाया।

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बैठक में विकास योजना 2041 के प्रारूप के भाग के तौर पर विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों के लिए प्रस्तावित क्षेत्रीय विनियमन और भवन उप-नियमों पर चर्चा की गई। सम्पूर्ण शिमला के भवन सम्बंधी दिशा-निर्देशों को आंतरिक और गैर-आंतरिक क्षेत्रों में बांटा गया है। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित भवन उप-नियमों में आंतरिक क्षेत्र के लिए दो मंजिल, एटिक और पार्किंग जबकि गैर-आंतरिक क्षेत्र के लिए तीन मंजिल, एटिक और पार्किंग निर्माण का सुझाव दिया गया। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों के साथ लगते भवन की ऊंचाई, मंजिलों की संख्या और भूमि प्रयोग के सम्बन्ध में अधिक रियायत देने की आवश्यकता पर बल दिया।

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शिमला योजना क्षेत्र के लिए जी.आई.एस. आधारित विकासात्मक योजना की प्रगति की समीक्षा के बाद शहरी विकास मंत्री ने इस विकास योजना को स्वीकृति देकर 25 जनवरी से पूर्व इसे अधिसूचित करने के निर्देश दिए। राज्य नियोजक प्रेमलता और निदेशक नगर नियोजन के.के. सरोच भी बैठक में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उपस्थित थे।

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ऑनलाइन रोजगार मेलों के आयोजन पर विचार कर रही प्रदेश सरकारः बिक्रम सिंह

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में युवाओं को रोजगार के और अधिक अवसर प्रदान करने के लिए ऑनलाइन रोजगार मेलों के आयोजन पर विचार कर रही है। यह बात उन्होंने उद्योग जगत के विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ आज यहां आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण रोजगार मेलों के आयोजन में बाधा आई है। इसी समस्या के समाधान के दृष्टिगत प्रदेश में ऑनलाइन रोजगार मेलों के आयोजन की रूपरेखा और आवश्यक डेटा तैयार किया जा रहा है ।उन्होंने कहा कि श्रम एवं रोजगार विभाग से संबंधित डेटा भी ऑनलाइन उपलब्ध करवाया जाएगा। उद्योग मंत्री ने अधिकारियों को उद्यमियों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए और सक्रिय दृष्टिकोण के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने व्यवसाय में सुगमता तथा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर बहुआयामी प्रयास किए हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान उद्यमियों को राहत प्रदान करने तथा उद्योगों में कार्यरत कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी सरकार द्वारा हर संभव कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में उद्योगों का योगदान निरंतर बढ़ा है। उन्होंने कोरोना संकट काल के दौरान राज्य में स्वास्थ्य अधोसरंचना सुदृढ़ करने के लिए उद्योग जगत के प्रयासों की सराहना की।

बिक्रम सिंह ने उद्यमियों से निगमित सामाजिक दायित्व के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा पर्यावरण सरंक्षण आदि क्षेत्रों में अधिक से अधिक योगदान करने का आग्रह किया। उन्होंने उद्यमियों के सुझावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वसन दिया।  इस अवसर पर उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने विभिन्न विषयों पर अपने सुझाव दिए। बैठक में निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति, श्रम आयुक्त रोहित जमवाल, अतिरिक्त निदेशक उद्योग तिलक राज शर्मा,  वरिष्ठ अधिकारी और उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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