मध्यप्रदेश में खनिज घोटाला, खनिज माफिया ने बनाया फर्जी खनिज पोर्टल, जनरेट कर रहे फर्जी etp

Satna
सुयश भट्ट । Aug 10 2021 5:22PM

खनिज पोर्टल बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। खनिज माफिया इसके माध्यम से फर्जी ETP बनाकर फर्जी क्यूआर कोड से पुलिस व मैदानी अमले को गुमराह कर रहे थे।

भोपाल। मध्य प्रदेश के पन्ना में फर्जी खनिज पोर्टल बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। खनिज माफिया इसके माध्यम से फर्जी ETP बनाकर फर्जी क्यूआर कोड से पुलिस व मैदानी अमले को गुमराह कर रहे थे। खनिज विभाग के खनिज पोर्टल जैसे ही डमी पोर्टल के कारण शासन को अरबों का चूना लग रहा था।

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बीते दिनों 3 अगस्त को सतना के खनिज अधिकारी सतेंद्र सिंह ने नागौद के पास के पास पन्ना से रेत भरे दो ट्रक जकड़े थे। जब उन्होंने ड्राइवर से कागजात मांगे तो वह ड्राइवर नहीं दे पाया इसपर खनिज अधिकारी ने ट्रकों को थाने में खड़ा करवा दिया था। दूसरे दिन 4 अगस्त को ट्रक का मालिक खनिज विभाग की ETP से मिलती जुलती रसीद लेकर ऑफिस पहुँचा और खनिज अधिकारी को दिखाई तो उन्होंने उसे विभागीय पोर्टल पर चेक किया। विभागीय पोर्टल में उसकी एंट्री न होने और पर्ची हूबहू खनिज पोर्टल जैसी ही होने के कारण खनिज अधिकारी ने इसकी जांच शुरू करवाई। जांच मे पता चला कि फर्जी सर्वर बनाकर खनिज माफिया ऐसी ETP जनरेट करते हैं जिसे विभागीय अमला या पुलिस विभाग का अमला असल समझकर जाने देता है।

मामले में रोचक तथ्य यह भी है कि खनिज विभाग ने पन्ना में ETP के जनरेशन पर रोक लगा रखी है फिर भी धड़ल्ले से रेत का अवैध परिवहन हो रहा है। मामला प्रकाश में आने के बाद खनिज अधिकारी ने नागौद थाने और साइबर क्राइम थाने में 420 का मुकदमा दर्ज करवाने की बात कही है।

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खनिज विभाग की फर्जी ईटीपी जनरेट करने वाला डमी पोर्टल 1 दिसम्बर 2012 को बनाया गया था। इस पोर्टल का रजिस्ट्रार 101domain.com है। जिसे 25 नवम्बर 2020 को पुनः पोर्टल के रेग्युलर उपयोग के लिए तैयार किया गया। इसकी Registry Domain ID: D503300000040572492-LRMS है। इस पोर्टल का Registrant State/Province: CA Registrant Country: US Name Server: NS1.METAPEER.COM है।रेत माफियाओं द्वारा बनवाया गया फर्जी पोर्टल हूबहू शासन के पोर्टल से मिलता है जिसे सामान्य तौर पर कोई भी पहचान नही सकता।

ऐसी आशंकाएं जताई जा रही है कि ऐसी फर्जी रसीदों और पास के माध्यम से प्रदेश भर के रेत माफियाओं ने शासन को करोड़ों अरबों के राजस्व का चूना भी लगाया है जिसकी जांच की जा रही है।

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