विधायक प्राथमिकता बैठकें विकास के लिए वास्तविक योजनाएं बनाने में निभा रही दूरगामी भूमिका : मुख्यमंत्री

 Chief Minister

जय राम ठाकुर ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुआ है और राज्य सरकार ने इस चुनौती का सामना करने के लिए स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत करने पर विशेष बल दिया है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व राज्य में सिर्फ दो ऑक्सीजन संयंत्र थे जबकि आज राज्य के विभिन्न भागों में 48 ऑक्सीजन संयंत्र हैं।

शिमला   निर्वाचित प्रतिनिधियों की विकासात्मक वरीयताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जानी चाहिए और राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि विकास के लिए धन की कमी आड़े न आए। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात बजट 2022-23 के लिए विधायक प्राथमिकताओं को अंतिम रूप देने के लिए आज यहां सायंकालीन सत्र में जिला चम्बा, शिमला और लाहौल-स्पीति के विधायकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

जय राम ठाकुर ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुआ है और राज्य सरकार ने इस चुनौती का सामना करने के लिए स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत करने पर विशेष बल दिया है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व राज्य में सिर्फ दो ऑक्सीजन संयंत्र थे जबकि आज राज्य के विभिन्न भागों में 48 ऑक्सीजन संयंत्र हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना और राज्य सरकार की हिमकेयर योजना ने गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को बहुत आवश्यक राहत प्रदान की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सहारा योजना गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के परिवारों को 3,000 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए विधायक प्राथमिकता योजनाओं के तहत नाबार्ड के अन्तर्गत 965.41 करोड़ रुपये लागत की 186 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व राज्य सरकार के वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक के पहले चार वर्ष के कार्यकाल के दौरान 18500 करोड़ रुपये के  कुल वार्षिक योजना परिव्यय के प्रावधान के मुकाबले वर्तमान प्रदेश सरकार के वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक पहले चार वर्ष के कार्यकाल के दौरान 34,474 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

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जय राम ठाकुर ने कहा कि इस दो दिवसीय विधायक प्राथमिकता बैठक में 51 विधायकों ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह बैठक उनके क्षेत्रों के विकास की वास्तविक योजना के निर्धारण में दूरगामी भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों को उनके सुझाव और प्राथमिकताओं को रखने के लिए पर्याप्त समय प्रदान किया गया। उन्होंने विधायकों को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा उठाए गए मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा और इन्हें आगामी बजट में शामिल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए नाबार्ड, सीआरएफ और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत पर्याप्त निधि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि सड़कें पहाड़ की आर्थिकी की जीवन रेखा है और सरकार इस क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और बागवानी क्षेत्र में अभूतपूर्व उन्नति की है। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और सूचना प्रौद्योगिकी एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने इस अवसर पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

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अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने मुख्यमंत्री और इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए विधायकों से अपने बहुमूल्य सुझाव देने का आग्रह किया ताकि इन्हें वर्ष 2022-23 के बजट में सम्मिलित किया जा सके। मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह, आर.डी. धीमान और जे.सी. शर्मा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, पीसीसीएफ अजय श्रीवास्तव, प्रधान सचिव आर.डी. नज़ीम, सुभाशीष पांडा, भरत खेड़ा और देवेश कुमार, सचिव डॉ. अजय शर्मा, राजीव शर्मा, अमिताभ अवस्थी और एस.एस. गुलेरिया तथा योजना सलाहकार डॉ. बासु सूद बैठक में उपस्थित रहे, जबकि विभिन्न विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों एवं अन्य अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया।

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