स्मार्टफोन पर बढ़ी लोगों की निर्भरता, इन जगहों पर बिता रहे समय

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लॉकडाउन की ऐलान होने के साथ ही लोगों ने वीडियो कॉलिंग ऐप, गेमिंग और यहां तक कि खरीदारी तक के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर लॉग इन कर रहे हैं।

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, जिसको देखते हुए केंद्र सरकार को लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ाना पड़ा। देश में लॉकडाउन की घोषणा होने के साथ ही देशवासियों ने स्मार्टफोन और इंटरनेट पर अपना समय व्यतीत करना शुरू कर दिया और अब ऐसा हो गया है कि पूरी तरह से वह अपने स्मार्टफोन पर निर्भर हो चुके हैं। इसे आप इस तरह से समझ सकते है कि मार्च में लॉकडाउन मोड में प्रवेश करने के साथ ही देशवासियों ने नए-नए ऐप और ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। जिसकी वजह से इंटरनेट डेटा और ब्रॉडबैंड पर दवाब बढ़ता हुआ देखा गया।

लॉकडाउन की ऐलान होने के साथ ही लोगों ने वीडियो कॉलिंग ऐप, गेमिंग और यहां तक कि खरीदारी तक के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर लॉग इन कर रहे हैं। 

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गेमिंग

इन दिनों ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पबजी (PUBG), कॉल ऑफ ड्यूटी, लूडो किंग, कैरेम इत्यादि की उपयोगिता पहले की तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ गई है। यह गेम पूरी तरह से फ्री है और लोग इसमें अपना अधिकतर समय व्यतीत करने लगे हैं। बच्चे क्या बड़े भी इस गेम का आनंद ले रहे हैं। जबकि बहुतेरे लोग अपने बचपन के खेलों को याद कर लूडो किंग और कैरम का आनंद उठा रहे हैं।

दिसंबर 2019 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पबजी यूजर्स की संख्या 116 मिलियन यानि की 11.6 करोड़ से भी ज्यादा है। जो कि उस वक्त के कुल डाउनलोड का 21 फीसदी है। हालांकि, तब वर्ल्डवाइड पबजी मोबाइल के 55.5 करोड़ एक्टिव यूजर्स थे और मौजूदा समय के इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि ताजा आंकड़ा अभी जारी नहीं हुआ है।

वहीं, लूडो किंग और कैरेम जैसे खेल जो अपने घरों में रहकर परिवारवालों या फिर दोस्तों के साथ खेल रहे हैं, उनमें भी 50-75% की वृद्धि हुई है। 

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वीडियो-कॉलिंग

लॉकडाउन के चलते सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। लोगों का ऑफिस आना जाना बंद है। आवश्यक सेवाओं को छोड़ दिया जाए तो सभी अपने घरों में रहकर ऑफिस का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं रोजाना की मीटिंग के लिए कर्मचारी वीडियो-कॉलिंग ऐप जूम पर निर्भर हो गए हैं।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक ज़ूम के मासिक डाउनलोड में भारी इजाफा देखा गया है। फरवरी में 5,00,000 यूजर्स से बढ़कर मार्च में 8.7 मिलियन हो गए हैं। इतना ही नहीं इसका इस्तेमाल स्कूल द्वारा कक्षाएं चलाए जाने के लिए भी किया जा रहा है। 

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ठीक ऐसा ही दृश्य हाउसपार्टी नामक ऐप में देखा गया है। जिसका इस्तेमाल परिवारवाले और दोस्त आपस में बात करने के लिए और गेम खेलने के लिए करते हैं। जूम की तरह ही हाउसपार्टी के यूजर्स में भी भारी इजाफा हुआ है। फरवरी और मार्च के महीने के डाटा पर ध्यान दिया गया तो सामने आया कि यूजर्स की संख्या में 16 गुना की वृद्धि हुई है। इतना ही नहीं औसत समय उपयोगिता में भी आठ गुना की बढ़ोतरी हुई है।

हालांकि, तेजी से पॉपुलर हुए वीडियो-कॉलिंग ऐप जूम (Zoom) की प्राइवेसी पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। इतना ही नहीं इसको लेकर एक रिपोर्ट भी सामने आई है। जिसके मुताबिक 5,00,000 से ज्यादा जूम यूजर्स के पासवर्ड्स और बाकी अकाउंट डीटेल्स डार्क वेब पर बेची जा रही हैं। ब्लीडिंग कंप्यूटर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक लाखों लोगों का डेटा कौड़ियों के भाव पर बेचा जा रहा है।  

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इन दिनों टिकटॉक के यूजर्स में 50-80 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यूजर्स अलग-अलग तरह के वीडियो बनाकर अपलोड करते हैं और पॉपुलर होने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

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