मोदी और केसीआर ने आदिवासी अधिकार कानून को कमजोर किया: राहुल गांधी

modi-and-kcr-weaken-tribal-rights-law-rahul-gandhi
[email protected] । Nov 29 2018 6:33PM

गांधी ने रैली में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र में आदिवासी विधेयक को कमजोर किया और केसीआर ने राज्य में इसे हल्का किया। तेलंगाना में हमारी सरकार के गठन के साथ हम सुनिश्चित करेंगे कि आपको आपकी जमीन वापस मिले।

भूपलपल्ली/अर्मूर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर वनवासियों को नुकसान पहुंचाने के लिए आदिवासी अधिकार कानून को हल्का करने का आरोप लगाया। तेलंगाना के आदिवासी क्षेत्र भूपलपल्ली में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य में अनुसूचित जनजाति की आबादी के अनुपात में उनके उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शैक्षिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण देने का वादा किया।

गांधी ने रैली में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र में आदिवासी विधेयक को कमजोर किया और केसीआर ने राज्य में इसे हल्का किया। तेलंगाना में हमारी सरकार के गठन के साथ हम सुनिश्चित करेंगे कि आपको आपकी जमीन वापस मिले। हमने अपने चुनावी घोषणापत्र में भी इसका जिक्र किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम आरक्षण भी देंगे जो आपकी आबादी के समानुपातिक होगा।’’

अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी कानून 2006 में पारित किया गया था जब संप्रग सरकार सत्ता में थी। यह कानून वन में रहने वाले समुदायों के अधिकारों से संबंधित है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि मोदी सरकार ने कानून के विभिन्न प्रावधानों को कमजोर किया है। गांधी ने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार कानून लाई जिसने आदिवासियों को काफी लाभ पहुंचाए।

यह भी पढ़ें: PM मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा- राजस्थान में कामदर बनाम नामदार की लड़ाई

तेलंगाना सरकार पर वन्य भूमि पर खेती के पारंपरिक तरीकों को अवैध घोषित करके कानून को कमजोर करने का आरोप लगता रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आदिवासियों को तेलंगाना में इस कानून का पूरा फायदा नहीं मिल सका क्योंकि इसके प्रावधानों को हल्का कर दिया गया। गांधी ने आश्वासन दिया अगर कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन तेलंगाना में सत्ता में आया तो सिंगरेनी कोलियरीज के अनुबंधित कामगारों को नियमित किया जाएगा और विभिन्न कारणों से अपनी नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों के मामलों की सहानुभूतिपूर्वक जांच की जाएगी। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण की ‘‘आदत’’ के लिए भी प्रधानमंत्री की आलोचना की।

मुख्यमंत्री केसीआर के नाम को गांधी ने ‘‘खाओ कमीशन राव’’ नाम दिया जिन्होंने वादा किया था कि वह राज्य का ‘‘पुनर्गठन’’ करेंगे लेकिन इसके बजाय उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों और ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए सिंचाई परियोजनाओं का स्वरूप बदल दिया जिससे लागत और लोगों पर बोझ बढ़ गया। गौरतलब है कि टीआरएस प्रमुख ने कहा कि अगर वह चुनाव हार गए तो वह घर जाएंगे और आराम करेंगे। इस पर चुटकी लेते हुए गांधी ने कहा, ‘‘केसीआर निश्चित तौर पर चुनावों के बाद 300 करोड़ रुपये के भव्य बंगले में आराम करेंगे। आप आराम करिए और कांग्रेस पार्टी तेलंगाना के लोगों की मदद से राज्य की आकांक्षाएं और सपने पूरे करेगी।’’

यह भी पढ़ें: राहुल ने मोदी पर साधा निशाना, कहा- PM ने अपने सभी वादे तोड़ दिए

अर्मूर में एक अन्य रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती हे तो वह जीएसटी को आसान बनाएगी और बीड़ी उद्योग पर करों का सहानुभूतिपूर्वक अध्ययन करेगी। उन्होंने अरब की खाड़ी में प्रवासी कामगारों की मदद करने के लिए 500 करोड़ रुपये का कोष बढ़ाने का भी वादा किया। ऑल इंडिया रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा, ‘‘मोदी जी हर महीने आपको अपने ‘मन की बात’ बताते हैं। लेकिन हम आप लोगों की मन की बात सुनेंगे और आपकी इच्छाओं के मुताबिक तेलंगाना को चलाएंगे।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी और केसीआर ने हमेशा बैंकों के दरवाजे अमीरों के लिए खुले रखे जबकि तेलंगाना में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार किसानों के दो लाख रुपये तक के कृषि कर्ज को माफ करेगी और 17 उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाएगी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़