मोदी ने लक्षित हमलों की तुलना इजराइली अभियानों से की

[email protected] । Oct 18 2016 5:16PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सेना के लक्षित हमलों की तुलना आज इजराइली तर्ज के अभियानों से की और कहा कि भारतीय बलों ने दिखा दिया कि वे किसी से कम नहीं हैं।

मंडी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सेना के लक्षित हमलों की तुलना आज इजराइली तर्ज के अभियानों से की और कहा कि भारतीय बलों ने दिखा दिया कि वे किसी से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इन दिनों देशभर में हमारी सेना के पराक्रम की चर्चा की जा रही है। पूर्व में हम सुना करते थे कि इजराइल ने यह किया है। राष्ट्र ने देखा है कि भारतीय सेना किसी से भी कम नहीं है।’’ इजराइल दुश्मन देशों और आतंकी संगठनों के खिलाफ लक्षित हमलों के लिए जाना जाता है।

मोदी हिमाचल प्रदेश में एक रैली में बोल रहे थे जहां उन्होंने तीन पनबिजली परियोजनाओं का उद्घाटन किया। लक्षित हमलों का मुद्दा राजनीतिक हल्कों में चर्चा का विषय बना हुआ है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि भाजपा और इसकी सरकार द्वारा इसका इस्तेमाल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है। भाजपा इस आरोप से इनकार करती रही है। उसका कहना है कि वह सेना का मनोबल बढ़ाने और प्रधानमंत्री की मजबूत इच्छाशक्ति को रेखांकित करने के लिए मुद्दे को जनता तक ले जा रही है। सशस्त्र बलों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों के लिए ‘एक रैंक एक पेंशन’ के वायदे को पूरा किया है जो 40 साल से अधिक समय से लटका हुआ था। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने लंबे-चौड़े वायदे कर लोगों को बहकाया और उनमें से कुछ ने इस संबंध में 200 करोड़ से 500 करोड़ रुपये तक आवंटित भी किए, लेकिन इस बारे में कोई विश्लेषण नहीं किया कि कितनी लागत आएगी और इसे किस तरह अंजाम दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने इसे किया और यह पाकर चकित रह गया कि आर्थिक भार बढ़ता रहा। यह 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो गया।’’ उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी सरकार के लिए एक बार में इतनी बड़ी राशि का आवंटन करना मुश्किल था। मोदी ने कहा कि उन्होंने सशस्त्र बलों से बात की और धन चार किश्तों में जारी करने की पेशकश की जिस पर वे सहमत हो गए। उन्होंने कहा, ‘‘पहली किश्त में 5,500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है। शेष राशि बाद में दी जाएगी। 40 साल से अधिक समय से लटकता चला आ रहा वायदा पूरा कर दिया गया है।’’

प्रधानमंत्री ने परिवर्तन रैली में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर भी निशाना साधा और कहा कि भाजपा के मुख्यमंत्रियों ने खुद को पेयजल और सड़कों जैसे मुद्दों के प्रति समर्पित किया, जबकि कांग्रेस नेता ने अपने खुद के कल्याण की चिंता की। उन्होंने कहा, ‘‘क्या मुझे यह बयां करने की आवश्यकता है कि वर्तमान मुख्यमंत्री किस चीज के लिए जाने जाते हैं?’’ मोदी ने कहा कि ‘‘जब भाजपा के मुख्यमंत्री थे तो तब किसी ने खुद को पेयजल के प्रति समर्पित किया तो किसी ने खुद को सड़कों के प्रति समर्पित किया, लेकिन जब अन्य लोग आए तो उन्होंने अपने खुद के कल्याण के लिए बहुत सारी चीजें समर्पित कीं।’’ भाजपा का आरोप है कि वीरभद्र सिंह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, लेकिन कांग्रेस नेता ने आरोपों को खारिज किया है और दावा किया है कि उन्हें ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ का शिकार बनाया जा रहा है।

मोदी ने कहा कि लोग मांग करेंगे कि वीरभद्र सरकार अपने काम का लेखा-जोखा प्रदान करे। उन्होंने कहा कि 16वें वित्त आयोग की रिपोर्ट के क्रियान्वयन के बाद राज्य को 72 हजार करोड़ रुपये मिल रहे हैं, जबकि पहले 21 हजार करोड़ रुपये मिला करते थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा नेता उनसे राज्य सरकार को भेजे गए पैसे का लेखा-जोखा मांगने को कह रहे हैं। ‘‘केवल हम ही नहीं, हिमाचल प्रदेश के लोग भी सिंह से जवाब मांगेंगे।’'

मोदी ने पर्वतीय राज्य से अपने पुराने जुड़ाव (जब वह हिमाचल प्रदेश के भाजपा प्रभारी थे) को याद किया और उल्लेख किया कि वह जिन परियोजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं, उनकी आधारशिला प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भी संगठन के प्रभारी के रूप में मौजूद था और किसने सोचा था कि मुझे इन परियोजनाओं का उद्घाटन करने का मौका मिलेगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग सशस्त्र बलों में काम कर रहे हैं। उन्होंने राज्य की प्रशंसा वीर लोगों की धरती के रूप में की और जोर देकर कहा कि सेवारत सैनिकों की तरह ही भूतपूर्व सैनिकों को भी सम्मान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने दशकों से स्थगित पड़ी परियोजनाओं का क्रियान्वयन शुरू किया।

मोदी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय में एक ‘‘पुरातत्व विभाग’’ चलाना पड़ेगा जो आधारशिला रखे जाने के बाद कभी शुरू नहीं हुईं अत्यंत पुरानी परियोजनाओं के ‘‘कंकालों’’ की खुदाई करेगा। उन्होंने कहा कि एलईडी के इस्तेमाल से राज्य के घरों में रोजाना सामूहिक रूप से लगभग एक करोड़ रुपये की बचत होगी और उल्लेख किया कि परियोजना अधिक तेजी से क्रियान्वित की जा सकती है। उनके साथ नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल भी थे।

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