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शाह ने बाबासाहेब को किया नमन, बोले- सरकार संविधान के अनुरूप हर वर्ग को न्याय दिलाने के प्रति संकल्पित है
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- नवंबर 26, 2020 10:36
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गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया कि भारत की एकता और विकासशीलता की सबसे बड़ी शक्ति हमारा प्रगतिशील संविधान है। आज संविधान दिवस पर भारतीय संविधान के शिल्पी बाबासाहेब जी को नमन करता हूं।
नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को संविधान दिवस पर देश के पहले कानून मंत्री बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर को नमन किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार संविधान के अनुरूप समाज के हर वर्ग को सामाजिक व आर्थिक न्याय दिलाने के प्रति संकल्पित है। शाह ने ट्वीट किया, ‘‘भारत की एकता और विकासशीलता की सबसे बड़ी शक्ति हमारा प्रगतिशील संविधान है। आज संविधान दिवस पर भारतीय संविधान के शिल्पी बाबासाहेब जी को नमन करता हूं। मोदी सरकार देश के महापुरुषों के स्वप्न और संविधान के अनुरूप देश के हर वर्ग को सामाजिक और आर्थिक न्याय दिलाने के प्रति संकल्पित है।’’
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देश में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन देशभर में राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है और देश में संविधान को अपनाये जाने का स्मरण कराता है। देश की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अंगीकार किया था, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने के सरकार के निर्णय को अधिसूचित किया था।
भारत की एकता और विकासशीलता की सबसे बड़ी शक्ति हमारा प्रगतिशील संविधान है। आज संविधान दिवस पर भारतीय संविधान के शिल्पी बाबासाहेब जी को नमन करता हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) November 26, 2020
मोदी सरकार देश के महापुरुषों के स्वप्न और संविधान के अनुरूप देश के हर वर्ग को सामाजिक और आर्थिक न्याय दिलाने के प्रति संकल्पित है। pic.twitter.com/UKgZkTJ0F4
बजट सत्र से पहले विपक्ष ने दिखाए सख्त तेवर, राष्ट्रपति के भाषण का करेंगे बहिष्कार
- अंकित सिंह
- जनवरी 28, 2021 14:39
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कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ है। उनकी मांग है कि सरकार तत्काल इन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करें।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि राष्ट्रपति के संसद की संयुक्त बैठक के संबोधन का 16 विपक्षी दल किसानों के मुद्दे को लेकर बहिष्कार करेंगे। विपक्षी दलों ने गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा के मामले में केंद्र की भूमिका की जांच की मांग की। आजाद ने कहा कि इस फैसले के पीछे प्रमुख कारण यह है कि विधेयकों (फार्म कानून) को विपक्ष के बिना, सदन में जबरन पारित किया गया।
आपको बता दें कि कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ है। उनकी मांग है कि सरकार तत्काल इन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करें। गौरतलब है कि इन तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान लगभग 60 दिनों से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।We're issuing a statement from 16 political parties that we're boycotting President's Address that will be delivered at Parliament tomorrow. The major reason behind this decision is that the Bills (Farm Laws) were passed forcibly in House, without Opposition: GN Azad, Congress pic.twitter.com/9uhtfLKh67
— ANI (@ANI) January 28, 2021
दिल्ली हिंसा को केजरीवाल ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, छह राज्यों में चुनाव लड़ने का भी किया ऐलान
- अंकित सिंह
- जनवरी 28, 2021 13:58
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आम आदमी पार्टी की 9वीं राष्ट्रीय परिषद को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मनीष सिसोदिया को चुनौती दी कि आए और हमारे साथ बहस करे। जब मनीष जी पहुंचे तो वो भाग खड़े हुए।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगले 2 साल में उनकी पार्टी 6 राज्यों में विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। यह छह राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, और गुजरात हैं। आम आदमी पार्टी की 9वीं राष्ट्रीय परिषद को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मनीष सिसोदिया को चुनौती दी कि आए और हमारे साथ बहस करे। जब मनीष जी पहुंचे तो वो भाग खड़े हुए। इन्होंने काम किया ही नहीं। जब मनीष जी स्कूल देखने के लिए गए तो पुलिस ने उन्हें वही रोक लिया। इससे पता चलता है कि स्कूल की ज़्यादा हलत खराब है, जिस स्कूल को उन्हें दिखाने में डर लग रहा वहां हमारे करोड़ो बच्चे पढ़ रहे हैं।
दिल्ली हिंसा पर बोलते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 26 जनवरी को जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था। उसके असली गुनहगारों को सज़ा होनी चाहिए। फ़र्ज़ी केस पर केस नही होने चाहिए। किसानों के मुद्दे अभी खत्म नहीं हुए है, किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। हम सब को किसानों का साथ देना हैं। आज देश का किसान बहुत दुखी है। 70 साल से सभी राजनीतिक पार्टियों ने किसानों को धोखा दिया है। अब ये जो 3 बिल आए है, ये तीनों बिल किसानों से खेती छीन कर चंद पूंजीपतियों को सौंप देंगे।26 जनवरी को जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था। उसके असली गुनहगारों को सज़ा होनी चाहिए। फ़र्ज़ी केस पर केस नही होने चाहिए।
किसानों के मुद्दे अभी खत्म नहीं हुए है, किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। हम सब को किसानों का साथ देना हैं। : @ArvindKejriwal pic.twitter.com/u2wQ31uTvU— AAP (@AamAadmiParty) January 28, 2021
किसान आंदोलन के खिलाफ उतरे गांव वाले, सिंघु बॉर्डर खाली करने को कहा
- अभिनय आकाश
- जनवरी 28, 2021 13:56
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सिंघु बॉर्डर पर गांव वालों ने नारेबाजी की है। इसके साथ ही गांव वालों ने हाइवे को खाली करते की मांग की है। लाल किले में झंडा फराने जाने कि वजह से गांव वालों में बेहद नाराजगी देखने को मिली है।
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसक वारदात के बाद लोगों में भी इलका रोष दिखाई दे रहा है। बीते दिनों दिल्ली-जयपुर पर बैठे किसानों को स्थानीय लोगों ने अल्टीमेटल दिया। अब सिंघु बॉर्डर पर भी किसानों को लेकर रोष दिखाई देने लगा है। खबरों के अनुसार सिंघु बॉर्डर पर गांव वालों ने नारेबाजी की है। इसके साथ ही गांव वालों ने हाइवे को खाली करते की मांग की है। लाल किले में झंडा फराने जाने कि वजह से गांव वालों में बेहद नाराजगी देखने को मिली है। गांव वालों का कहना है कि लाल किले पर जिस तरह से तिरंगे का अपमान हुआ है उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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गौरतलब है कि दिल्ली में रिपब्लिक डे के दिन जगह-जगह हुई हिंसक वारदात और लाल किले पर निशान साहेब का झंडा फहराए जाने के बाद जगह-जगह लोगों में गुस्सा है। इससे पहले दिल्ली-जयपुर हाइवे पर मसानी बैराज के पास बैठे किसानों को स्थानीय लोगों के भारी विरोध के बाद वापस लौटना पड़ा था। दिल्ली में हुई घटना से स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा था और ग्रामीणों ने पंचायत कर प्रदर्शनकारियों को अल्टीमेटम दिया था।

