रोजगार के दावों के बीच #modi_rojgar_दो अभियान, ट्विटर पर ट्रेंड करा रहे छात्र

modi rojgar do

छात्र पहले भी प्रतियोगी परिक्षाओं को लेकर केंद्र के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चला चुके हैं। जब कोरोना महामारी के समय में परीक्षाओं को स्थगित किया गया था उस वक्त उन्होंने 'मैं भी बेरोजगार हूं' अभियान चलाया था।

नयी दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर #modi_rojgar_दो हैशटैग पिछले दो दिनों से ट्रेंड हो रहा था लेकिन अचानक से सोमवार की रात को #modi_girlfriend_do और #modi_boyfriend_do हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड होने लगे। आपको बता दें कि 25 फरवरी को छात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी कुछ मांगों को लेकर #modi_rojgar_do #modi_rojgar_दो हैशटैग चलाने वाले थे लेकिन यह ट्विटर और यूट्यूब पर यह पहले ही चल गया और दो दिनों में 20 लाख से ज्यादा ट्वीट भी हो चुके हैं। 

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क्या है छात्रों की मांग

  • समय पर परीक्षा हो
  • परीक्षा का रिजल्ट जल्दी जारी किया जाए
  • एक साल के भीतर ज्वाइनिंग दी जाए
  • सीजीएल 2019 टियर -2 का परीक्षा फिर से हो
  • भर्ती प्रक्रिया में सुधार किया जाए

एक करोड़ नौजवानों को देंगे रोजगार

मनमोहन सिंह की सरकार के समय साल 2013 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि जब हमारी सरकार बनेगी तब हम हर साल एक करोड़ नौजवानों को रोजगार देंगे। लेकिन आज रोजगार के मुद्दों को लेकर छात्रों ने मोर्चा संभाला हुआ है। छात्रों का कहना है कि हम सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं, फॉर्म भरते हैं, परीक्षा होने में भी काफी समय लगता है। अगर समय पर परीक्षा हो गई तो रिजल्ट आने में सालों लग जाते हैं और रिजल्ट के बाद वैरिफिकेशन, ज्वाइनिंग को मिला लिया जाए तो पूरी प्रक्रिया में करीब 4-5 साल का समय लग जाता है। 

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मोदी रोजगार दो अभियान की हो रही शुरुआत

छात्र पहले भी प्रतियोगी परिक्षाओं को लेकर केंद्र के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चला चुके हैं। जब कोरोना महामारी के समय में परीक्षाओं को स्थगित किया गया था उस वक्त उन्होंने 'मैं भी बेरोजगार हूं' अभियान चलाया था और अब वह 'मोदी रोजगार दो' अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। यह अभियान 25 फरवरी से शुरू होने वाला था लेकिन यह पहले ही ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। क्योंकि कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) टियर-2 परीक्षा का परिणाम 19 फरवरी को जारी हुआ था और छात्रों ने 15, 16 और 18 नवंबर को आयोजित हुई परीक्षा के परिणाम की प्रक्रिया पर सवाल उठाया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विरोध कर रहे लोगों का आरोप है कि 18 नवंबर को आयोजित हुई परीक्षा आसान थी और छात्रों ने 200 अंक में 200 अंक तक हासिल किए लेकिन जब परीक्षा परिणाम जारी हुआ तो कई छात्रों का सलेक्शन नहीं हुआ। इतना ही नहीं छात्रों का आरोप है कि 18 नवंबर वाली परीक्षा में 100 नंबर तक काट दिए गए हैं जबकि 15 और 16 नवंबर के दिन जिनकी परीक्षा हुई थी उनमें से कई लोगों के नंबर 50 से 80 तक बढ़ाए गए हैं। छात्रों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसा किस प्रक्रिया के तहत किया गया है और इसी को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा प्रकट किया।

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