‘स्वच्छ भारत अभियान’ से पैदा हुई चेतना का बड़ा लाभ कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई में मिला: मोदी

मोदी

गरीबी- भारत छोड़ो, खुले में शौच की मजबूरी-भारत छोड़ो, पानी के लिए दर-दर भटकने की मजबूरी-भारत छोड़ो, भेदभाव की प्रवृत्ति-भारत छोड़ो, भ्रष्टाचार की कुरीति-भारत छोड़ो, आतंक और हिंसा-भारत छोड़ो।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि ‘‘स्वच्छ भारत अभियान’’ ने हर देशवासी के आत्मविश्वास और आत्मबल को बढ़ाया है और इससे जो चेतना पैदा हुई है, उसका बहुत बड़ा लाभ कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई में मिल रहा है। राजधानी स्थित राजघाट के समीप नवनिर्मित ‘‘राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र’’ का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के दिये नारे ‘‘अंग्रेजो भारत छोड़ो’’ की तर्ज पर ‘‘गंदगी भारत छोड़ो’’ का नारा दिया। मोदी ने कहा, ‘‘देश को कमजोर बनाने वाली बुराइयां भारत छोड़ें, इससे अच्छा और क्या होगा। इसी सोच के साथ बीते छह साल से देश में एक व्यापक भारत छोड़ो अभियान चल रहा है। गरीबी- भारत छोड़ो, खुले में शौच की मजबूरी-भारत छोड़ो, पानी के लिए दर-दर भटकने की मजबूरी-भारत छोड़ो, भेदभाव की प्रवृत्ति-भारत छोड़ो, भ्रष्टाचार की कुरीति-भारत छोड़ो, आतंक और हिंसा-भारत छोड़ो।’’

प्रधानमंत्री ने आज से 15 अगस्त यानी स्वतन्त्रता दिवस तक देश में एक सप्ताह ‘‘गंदगी भारत छोड़ो’’ अभियान चलाने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘भारत छोड़ो के ये सभी संकल्प स्वराज से सुराज की भावना के अनुरूप ही हैं। इसी कड़ी में आज हम सभी को ‘गंदगी भारत छोड़ो’ का भी संकल्प दोहराना है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी की प्रेरणा से बीते वर्षों में देश के कोने-कोने में लाखों स्वच्छाग्रहियों ने ‘‘स्वच्छ भारत अभियान’’ को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया और यही कारण है कि 60 महीने में करीब-करीब 60 करोड़ भारतीय शौचालय की सुविधा से जुड़ गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसकी वजह से देश की बहनों को सम्मान सुरक्षा और सुविधा मिली, इसकी वजह से देश की लाखों बेटियों को बिना रुके पढ़ाई का भरोसा मिला, इसकी वजह से लाखों गरीब बच्चों को बीमारियों से बचने का उपाय मिला, इसकी वजह से देश के करोड़ों दलितों, वंचितों, पीड़ितों, शोषितों और आदिवासियों को समानता का विश्वास मिला।’’ मोदी ने कहा कि ‘‘स्वच्छ भारत अभियान’’ ने हर देशवासी के आत्मविश्वास और आत्मबल को एक नई ऊर्जा दी है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका सबसे अधिक लाभ देश के गरीबों के जीवन पर दिख रहा है। स्वच्छ भारत अभियान से हमारी सामाजिक चेतना समाज के रूप में हमारे आचार और व्यवहार में भी स्थाई परिवर्तन आया है। इसे लेकर जो चेतना पैदा हुई है, उसका बहुत बड़ा लाभ कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई में भी हमें मिल रहा है।’’ 

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उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अगर कोरोना वायरस जैसी महामारी 2014 से पहले आती तो क्या स्थिति होती। उन्होंने कहा, ‘‘क्या तब लॉकडाउन जैसी व्यवस्थाएं संभव हो पातीं, जब भारत की 60 प्रतिशत आबादी खुले में शौच के लिए मजबूर थी। स्वच्छता ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हमें बहुत बड़ा सहारा दिया है।’’ महात्मा गांधी को समर्पित राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (आरएसके) की प्रधानमंत्री ने सबसे पहले घोषणा 10 अप्रैल 2017 को गांधीजी के चम्पारण ‘सत्याग्रह’ के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर की थी। यह स्वच्छ भारत मिशन पर एक परस्पर संवादात्‍मक (इंटरैक्टिव) अनुभव केंद्र होगा। आरएसके पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने वहां स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और केंद्र का अवलोकन किया। आरएसके में स्थित सभागार में प्रधानमंत्री ने ‘दर्शक 360 डिग्री’ का अनूठा ऑडियो-विजुअल कार्यक्रम देखा, जिसमें भारत की स्वच्छता की कहानी यानी दुनिया के इतिहास में लोगों की आदतों में बदलाव लाने वाले सबसे बड़े अभियान की यात्रा दिखाई गई। इसके बाद मोदी ने 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले दिल्ली के 36 स्कूली छात्रों से संवाद भी किया।

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