अब तक 163 से अधिक श्रमिक ट्रेन चलाई गईं, 1.60 लाख श्रमिकों को गृह राज्य पहुंचाया गया

सरकार की ओर से कहा गया था कि राज्यों के साथ 85:15 के अनुपात में खर्च वहन किया गया है। सेवा की शुरुआत से ही मुख्य रूप से गुजरात और केरल से श्रमिकों को बिहार और उत्तर प्रदेश पहुंचाया गया।
बुधवार रात तक रेलवे ऐसी 149 ट्रेनें चला चुका था। प्रत्येक विशेष ट्रेन में 24 डिब्बे हैं जिनमें से हर एक डिब्बे में 72 सीटें हैं। लेकिन सामाजिक नियमों का पालन करने के वास्ते एक डिब्बे में केवल 54 लोगों को ही यात्रा करने की अनुमति दी जा रही है और मिडल बर्थ किसी भी यात्री को नहीं दी जा रही है। हालांकि इन सेवाओं में होने वाले खर्च की जानकारी रेलवे की ओर से नहीं दी जा रही है, अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि प्रति सेवा रेलवे को 80 लाख रुपये का खर्च वहन करना पड़ा है। सरकार की ओर से कहा गया था कि राज्यों के साथ 85:15 के अनुपात में खर्च वहन किया गया है। सेवा की शुरुआत से ही मुख्य रूप से गुजरात और केरल से श्रमिकों को बिहार और उत्तर प्रदेश पहुंचाया गया।Ensuring 24x7 Service: Indian Railways is running freight trains round the clock to maintain a continuous supply of essential goods for people's consumption and is fulfilling industry needs during COVID-19 lockdown period. pic.twitter.com/udcAG6vcJt
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 7, 2020
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