SIR in West Bengal | 26 लाख वोटर गायब! पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची पर चुवान आयोग का खुलासा, ममता बनर्जी ने उठाए सवाल

 West Bengal
ANI
रेनू तिवारी । Nov 27 2025 8:34AM

निर्वाचन आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मौजूदा मतदाता सूची में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नाम 2002 की मतदाता सूची से मेल नहीं खा रहे हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

निर्वाचन आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मौजूदा मतदाता सूची में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नाम 2002 की मतदाता सूची से मेल नहीं खा रहे हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य की नवीनतम मतदाता सूची की तुलना पिछली एसआईआर प्रक्रिया के दौरान 2002 और 2006 के बीच विभिन्न राज्यों में तैयार की गई सूचियों से करने पर यह विसंगति सामने आई।

निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, मौजूदा एसआईआर प्रक्रिया के तहत बुधवार दोपहर तक पश्चिम बंगाल में छह करोड़ से अधिक गणना प्रपत्र अपलोड कर दिए गए थे। अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘पोर्टल पर अपलोड होने के बाद, इन प्रपत्रों को ‘मैपिंग’ प्रक्रिया के तहत लाया जाता है, जहां इनका मिलान पिछले एसआईआर रिकॉर्ड से किया जाता है।

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शुरुआती निष्कर्षों से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नामों का मिलान अब भी पिछले एसआईआर चक्र के आंकड़ों से नहीं किया जा सका है।

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार, 25 नवंबर को वोटर लिस्ट के चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया (ECI) की जमकर आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि यह राज्य में असली वोटरों को वोट देने से रोकने के लिए राजनीति से प्रेरित चाल है। नॉर्थ 24 परगना ज़िले के बोंगांव में SIR के खिलाफ एक रैली में बोलते हुए, बनर्जी ने ECI को "BJP का कमीशन" बताया। उन्होंने सवाल किया कि क्या वोटर लिस्ट BJP के ऑफिस से तैयार की जा रही हैं। उन्होंने बंगाल के लोकतांत्रिक ताने-बाने को बचाने के लिए कड़ा विरोध करने की कसम खाई।

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 तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने बोंगांव से ठाकुरनगर तक तीन किलोमीटर का विरोध मार्च निकाला, जिसमें पार्टी के बड़े नेता और जोशीले समर्थक झंडे लहरा रहे थे और SIR एक्सरसाइज के खिलाफ नारे लगा रहे थे। उन्होंने इसे "अराजक, दबाव डालने वाला और खतरनाक" बताया। बनर्जी ने बंगाल में SIR को चुनिंदा तरीके से लागू करने पर ज़ोर दिया, लेकिन BJP शासित असम में नहीं, जबकि वहां चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए वोटरों के नाम हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया। 

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