Red Fort car blast: NIA की बड़ी कामयाबी, आत्मघाती हमलावर को पनाह देने वाला फरीदाबाद से धरा, सातवीं गिरफ्तारी

लाल किले कार ब्लास्ट मामले में एनआईए की कार्रवाई जारी है, फरीदाबाद से सातवें आरोपी की गिरफ्तारी से आतंकी मॉड्यूल की कार्यप्रणाली और उसके सदस्यों की भूमिका उजागर हुई है। इस बड़े खुलासे से जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा पकड़े गए नेटवर्क की जटिलता का पता चलता है, जो बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर हमले की फिराक में था।
NIA ने दिल्ली लाल किले के पास हुई कार बम ब्लास्ट से जुड़े एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, फरीदाबाद के धौज इलाके के रहने वाले सोयब को एजेंसी ने पकड़ा है, जिस पर खुदकुश हमलावर उमर उन नबी को ब्लास्ट से ठीक पहले पनाह देने का आरोप है। बता दें कि यह इस मामले में की गई सातवीं गिरफ्तारी है।
NIA ने बताया कि शुरुआती जांच में साफ हुआ है कि सोयब ने उमर को छिपाने के साथ-साथ उसे कई तरह की मदद भी दी थी। गौरतलब है कि 10 नवंबर की शाम जब लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास विस्फोटक से भरी कार में तेज धमाका हुआ था, तब दर्जनों लोग इसकी चपेट में आए थे और मौके पर भारी अफरातफरी मच गई थी।
एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि इससे पहले छह और आरोपियों को पकड़ा जा चुका है, जो उमर की मदद करने वाले ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा थे। यह वही नेटवर्क है जिसे जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन में उजागर किया था। मौजूद जानकारी के अनुसार, इस मॉड्यूल को तीन डॉक्टरों का कोर ग्रुप चलाता था. डॉ. उमर-उन-नबी, डॉ. मुझम्मिल गनई और डॉ. मुज़फ्फर राठर। इनमें से राठर अभी फरार है।
एजेंसी के मुताबिक, जांच कई राज्यों में फैली है और सुरागों के आधार पर लगातार छापेमारी की जा रही है ताकि इस नेटवर्क से जुड़े बाकी लोगों तक भी पहुंचा जा सके।
कुछ दिन पहले ही आमिर रशीद अली नामक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया था। उस पर उमर-उन-नबी के लिए सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराने और जरूरी सामान जुटाने का आरोप है। माना जाता है कि बम धमाके से पहले उमर आखिरी बार इसी आरोपी के संपर्क में था।
बता दें कि उमर-उन-नबी पेशे से डॉक्टर और हरियाणा की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था। 28 साल के इस युवक को नेटवर्क का सबसे कट्टरपंथी और मुख्य सदस्य बताया जाता है। अधिकारियों का कहना है कि वह बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी से पहले एक भारी धमाका करने की योजना में था। लेकिन श्रीनगर पुलिस द्वारा उसके सहयोगी डॉ. मुझम्मिल की गिरफ्तारी के बाद पूरी साजिश गड़बड़ा गई और उमर घबराहट में दिल्ली पहुंचा, जहां उसके द्वारा चलाई जा रही विस्फोटक लदी कार में धमाका हो गया। इस घटना में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं।
मौजूदा हालातों को देखते हुए एजेंसियां लगातार इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं और सभी आरोपियों की भूमिका का पता लगाया जा रहा है ताकि पूरी साजिश सामने आ सके और आगे ऐसे किसी हमले की आशंका को रोका जा सके ।
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