नरेंद्र मोदी ''बहुत गुस्से में'' थे, मैंने उन्हें कुछ स्नेह दिखाया: राहुल

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शहर के एक कालेज में छात्राओं से परिसंवाद करते हुए गांधी ने उस घटना को याद किया जब उन्होंने मोदी को गले लगाया था। उन्होंने कहा कि वह मोदी से घृणा नहीं कर सकते क्योंकि प्रेम देश, हर धर्म और तमिल लोगों की नसों में भरा हुआ है।

चेन्नई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि वह नरेन्द्र मोदी से ‘वास्तव’ में प्रेम करते हैं और इसीलिए जब उन्होंने संसद में प्रधानमंत्री को बेहद गुस्से में देखा तो उन्हें गले लगाकर अपने प्रेम को जताने का प्रयास किया था। शहर के एक कालेज में छात्राओं से परिसंवाद करते हुए गांधी ने उस घटना को याद किया जब उन्होंने मोदी को गले लगाया था। उन्होंने कहा कि वह मोदी से घृणा नहीं कर सकते क्योंकि प्रेम देश, हर धर्म और तमिल लोगों की नसों में भरा हुआ है।जब एक छात्रा ने उनसे यह पूछा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को गले क्यों लगाया, तो गांधी ने कहा कि संसद में मोदी जब उनकी पार्टी कांग्रेस, उनके दिवंगत पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी पर हमला बोल रहे थे तो उन्होंने देखा कि मोदी काफी गुस्से में थे।

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उन्होंने कहा कि बहरहाल, उन्हें भीतर से मोदी के प्रति स्नेह उभरा और उन्हें लगा कि मोदी इसलिए गुस्से में हैं क्योंकि वह दुनिया की सुंदरता को नहीं देख पा रहे हैं।कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘लिहाजा मैंने सोचा कि कम से कम मेरी तरफ से उनके प्रति कुछ स्नेह दिखाया जाना चाहिए।’’ जब गांधी ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री से वाकई प्रेम करता हूं’’, तो छात्राओं के बीच हंसी की लहर दौड़ गयी। इस पर उन्होंने दोहराया, ‘‘मैं वास्तव में (प्रेम) करता हूं।’’कांग्रेस नेता ने अपने एक दिवसीय तमिलनाडु दौरे में इस तरह के पहले परिसंवाद में भाग लिया। उन्होंने कहा कि दूसरों के प्रति जिन लोगों में स्नेह नहीं होता, वे ऐसे लोग होते हैं जिन्हें प्यार नहीं मिला होता है।उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि उन्हें (मोदी) गुस्सा आता है।’’

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गांधी ने कहा, ‘‘मैंने मोदी से सीखा कि जब वह मुझ पर हमला करते हैं, मेरे प्रति क्रोध जताते हुए, तो वह मुझे यह सिखा रहे होते हैं कि जवाब गुस्से में नहीं दिया जाए...लिहाजा मैं मोदी से घृणा नहीं करता...जो आपको चीजें सिखा रहा हो क्या आप उस व्यक्ति से घृणा कर सकते हैं...नहीं।’’उन्होंने कहा, ‘‘आप नवयुवतियों के लिए भी यह एक सबक है...वे लोग जो आप पर हमला करते हैं, आपके लिए अपशब्द बोलते हैं, वे आपके सबसे बड़े शिक्षक होते हैं..यदि आप उन्हें गुस्से में जवाब नहीं देते तो आप उनसे सीख सकते हैं।’’ गांधी ने कहा कि यदि दोनों पक्षों के बीच क्रोध का ही आदान प्रदान होता है तो आप कुछ नहीं सीखते। यदि वे आपसे घृणा करते हैं और आप उन्हें जाकर गले लगाते हैं तो आप काफी सीख जाते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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